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ग़ज़ा के एक इस्लामिक विद्वान ने पिछले 7 अक्टूबर 2023 को इसराइल में किए गए हमास के हमले के ख़िलाफ़ एक फ़तवा जारी किया है.
ग़ज़ा के हमास इस्लामिक विश्वविद्यालय में शरिया और क़ानून संकाय के पूर्व डीन डॉ. सलमान अल दयेह ने यह फ़तवा जारी किया है.
छह पन्नों के प्रकाशित इस फ़तवे में हमास के हमले की आलोचना करते हुए कहा गया है कि संगठन ने जिहाद को नियंत्रित करने वाले इस्लामी सिद्धांतों का उल्लंघन किया है.
प्रोफ़ेसर सलमान ने कहा,''अगर जिहाद के स्तंभों, कारणों या फिर शर्तों को पूरा नहीं किया जा रहा है, तो इससे बचना चाहिये. ताकि लोगों के जीवन को भी बचाया जा सके. यह एक ऐसी बात है जिसका अनुमान लगाना राजनेताओं के लिए भी आसान है, इसीलिए उस हमले से बचा जाना चाहिए था.”
प्रोफ़ेसर सलमान के मुताबिक़, “सात अक्टूबर को इसराइल में हुए हमले के बाद, ग़ज़ा में जो मानवीय तबाही हुई है वह इस्लाम की शिक्षाओं के ख़िलाफ़ है.''
प्रोफ़ेसर ने अपने फ़तवे में इस्लामिक आयतों और सुन्नतों का ज़िक्र भी किया है, जो कि जिहाद और ऐसे कामों के लिए सख़्त शर्तों का निर्धारण करती हैं.
उन्होंने अपने फ़तवे में यह भी कहा है कि मुस्लिम नेता, भोजन, इलाज और आश्रय सहित लड़ाई में शामिल होने वालों की सुरक्षा और भलाई के लिए बाध्य हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इंसानी जीवन मक्का से भी ज़्यादा मूल्यवान है. (bbc.com/hindi)