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ब्रह्मांड के शुरुआती रहस्य देखने अपनी 'पार्किंग' में पहुंचा वेब टेलिस्कोप
25-Jan-2022 6:23 PM
ब्रह्मांड के शुरुआती रहस्य देखने अपनी 'पार्किंग' में पहुंचा वेब टेलिस्कोप

जेम्स वेब टेलिस्कोप अंतरिक्ष में उस जगह पहुंच गया है जहां से वह ब्रह्मांड के प्रारंभिक दिनों में आकाशगंगाओं के शुरुआती स्वरूप को देखने की कोशिश करेगा.

(dw.com) 

दुनिया का सबसे बड़ा, सबसे ताकतवर अंतरिक्ष टेलिस्कोप 'जेम्स वेब' सूर्य की कक्षा स्थित अपनी मंजिल पर पहुंच गया है. धरती से करीब 10 लाख मील दूर सौर कक्षा में यह जगह वेब स्पेस टेलिस्कोप की पार्किंग की जगह है. यहीं से वह ब्रह्मांड के प्रारंभिक दिनों में आकाशगंगाओं के शुरुआती स्वरूप को देखने की कोशिश करेगा.

कहां पहुंचा है टेलिस्कोप?

जेम्स वेब टेलिस्कोप ग्रेविटेशन इक्विलीब्रियम में जिस पॉजिशन पर पहुंचा है, उसे 'सेकेंड सन-अर्थ लगरानियन पॉइंट' (एल2) के नाम से जाना जाता है. इस पॉइंट की खोज 18वीं सदी के गणितज्ञ जोसेफ लूइस लगरांज ने की थी. लगरानियन पॉइंट, अंतरिक्ष की वे जगहें हैं, जहां भेजी गई चीजें स्थिर रहती हैं.

इन बिंदुओं पर दो बड़े पिंडों का गुरुत्वाकर्षण बल ठीक उस अभिकेंद्रीय बल के बराबर होता है, जिसकी किसी पदार्थ को उन पिंडों के साथ बढ़ने के लिए जरूरत होती है. इस संतुलन के चलते वहां भेजी गई चीजें स्थिर रहती हैं. इन बिंदुओं का इस्तेमाल कर दूरबीन अपनी ईंधन की खपत को घटाकर अपनी जगह पर बने रह सकती है.

लोकेशन का फायदा

अब अपनी जगह से वेब टेलिस्कोप एक खास रास्ते का अनुसरण करेगा. यह रास्ता टेलिस्कोप का धरती के साथ लगातार अलाइनमेंट बनाए रखेगा, लेकिन साथ ही इसे धरती की छाया से भी बचाकर रखेगा. इसके चलते वेब टेलिस्कोप को निर्बाध रेडियो संपर्क मिल सकेगा. साथ ही, उसे लगातार सूरज की रोशनी भी मिलती रहेगी.

वेब टेलिस्कोप की तुलना में इसका 30 साल पुराना पूर्ववर्ती 'हबल स्पेस टेलिस्कोप' करीब 547 किलोमीटर की दूरी से पृथ्वी की परिक्रमा करता है. हर 90 मिनट में वह धरती की छाया से गुजरता है. वेब टेलिस्कोप अपने रास्ते पर बना रहे, इसके लिए ग्राउंड टीम को हर तीन हफ्ते बाद एक बार इसमें लगे रॉकेट के 'कोर्स करेक्टिंग थ्रस्ट' को दागना पड़ेगा.

आकाशगंगाओं की शुरुआत देख सकेंगे

वेब टेलिस्कोप अपने आकार और डिजाइन के चलते गैसों और धूल गुबार के पार बहुत दूरी तक चीजें देख सकता है. इसके चलते वह हबल या किसी भी अन्य टेलिस्कोप के मुकाबले समय में और ज्यादा पीछे देख सकता है. इसी के चलते खगोलशास्त्रियों को वेब टेलिस्कोप से बहुत उम्मीदें हैं.

यह हमें बिग बैंग के 10 करोड़ साल बाद के समय में आकाशगंगाओं के शुरुआती स्वरूप दिखा सकता है. माना जाता है कि बिग बैंग वह बिंदु है, जहां से हमारे ज्ञात ब्रह्मांड के विस्तार की प्रक्रिया शुरू हुई.

कब शुरू करेगा काम?

इतना ही नहीं, वेब टेलिस्कोप की क्षमता इसे दूसरे ग्रहों में संभावित जीवन तलाशने के लिए भी आदर्श उपकरण बनाती है. हालांकि वेब टेलिस्कोप को इसकी खगोलीय निरीक्षण की भूमिकाओं के लिए तैयार करने में अभी समय लगेगा. इसके मुख्य दर्पण के 18 हिस्सों को अभी सटीकता से पंक्तिबद्ध किया जाना है.

ग्राउंड टीम को अभी टेलिस्कोप के कई उपकरण भी सक्रिय करने हैं. अगर सब ठीक रहा, तो वेब टेलिस्कोप इस साल की गर्मियां आते-आते निरीक्षण का काम शुरू कर देगा. उम्मीद है कि जून 2022 में नासा इसके द्वारा की गई शुरुआती निगरानियों की जानकारी सार्वजनिक करे. 

यह टेलिस्कोप अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अलग-अलग अंतरिक्ष एजेंसियों के सम्मिलित काम का नतीजा है. नासा ने यूरोपीय और कनाडा की अंतरिक्ष एजेंसियों  के साथ मिलकर इसका नेतृत्व किया है.

एसएम/ओएसजे (एपी, रॉयटर्स)


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