सरगुजा

सीआरपीएफ का एसआई 17 दिन रहा डिजिटल अरेस्ट, 22 लाख की ठगी
03-Jul-2025 10:17 PM
सीआरपीएफ का एसआई 17 दिन रहा डिजिटल अरेस्ट, 22 लाख की ठगी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर,3 जुलाई। सीआरपीएफ बटालियन का एसआई डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गया। ठगों ने एसआई के खाते से 2 करोड़ रुपए का गैर कानूनी लेन-देन होने का झांसा देकर 17 दिनों में 22 लाख रुपए ठग लिया। जब एसआई को अपने साथ ठगी होने का अंदेशा हुआ तो उन्होंने मामले की शिकायत अंबिकापुर गांधी नगर थाने में की। पुलिस ने जिनके-जिनके खाते में लेन-देन हुई है उन पर अपराध दर्ज कर मामले की जांच प्रारम्भ कर दी है।

पीडि़त एसआई ने बताया कि ठगों ने उन्हें 17 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और 22 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी कर ली। रुपए देने के लिए सीआरपीएफ एसआई ने बेटे की एफडी तोड़ दिया और पत्नी के गहने गिरवी रख ठगों को रुपए दिए।

जानकारी के मुताबिक अंबिकापुर सीआरपीएफ कैंप में पदस्थ एसआई आर. महेंद्रन (55 वर्ष) के पास 5 जून की सुबह करीब 9.23 बजे  उनके मोबाईल पर एक व्यक्ति ने कॉल कर कहा कि वह टेलीकॉम डिपार्टमेंट गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, दिल्ली से रविशंकर बात कर रहा है, उसने एसआई से कहा कि आपके आधार से सिम कार्ड लिया गया है और उक्त सिम से गैर कानूनी काम हो रहे हैं। सिम 2 घंटे में बंद हो जाएगा, इसकी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को दी जा रही है।

कुछ देर बाद फिर से एसआई के मोबाइल पर दिल्ली पुलिस का कर्मचारी बताकर आर. महेंद्रन से उनका वॉट्सऐप नंबर पूछा। इसके बाद उसके मोबाइल पर वीडियो कॉल आया। वीडियो कॉल करने वाला व्यक्ति पुलिस यूनिफॉर्म में था। उसने ऑनलाइन कॉल में अपना आईडी दिखाया और कहा कि आपके आधार नंबर से बैंक ऑफ बड़ौदा की नेहरू पैलेस, दिल्ली शाखा में 23 जनवरी 2025 को खाता खोला गया है।

वीडियो कॉल करने वाले ने आर. महेंद्रन का आधार नंबर बताते हुए कहा कि आपके आधार नंबर से खोले गए खाते में 2 करोड़ रुपए का गैर कानूनी ट्रांजेक्शन पकड़ा गया है। सीआरपीएफ जवान ने बताया कि वह मेरा खाता नहीं है।

कॉलर ने कहा कि पकड़े गए आरोपी ने बताया है कि उसने 10 प्रतिशत राशि खाता धारक को दी है। ठग ने आरबीआई का अलग-अलग खाता नंबर देकर वेरिफिकेशन के नाम पर रुपए ट्रांजेक्शन करने को कहा। वेरिफिकेशन के बाद 72 घंटे के अंदर रुपए वापस खाते में भेजने की बात कही।

इसी बीच वीडियो कॉल पर डीसीपी, सीबीआई के नाम पर दूसरा व्यक्ति बात करने लगा। उसने एसआई को एक खाता नंबर दिया। उसमें 6 जून को 49 हजार 999 रुपए डालने के लिए कहा। सीआरपीएफ एसआई ने दिए गए खाते में सैलरी अकाउंट से रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उसने सीआरपीएफ जवान को कहा कि तुम्हारे खाते में जितना पैसा है उसका वेरिफिकेशन किया जाएगा। सीआरपीएफ जवान ने डर से अपने खाते का 2 लाख 58 हजार 648 रुपए ठगों के द्वारा बताए गए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया।

8 जून को एसआई को कॉल कर बताया गया कि वेरिफिकेशन में 17 हजार रुपए का अपराधी के खाते से लेन-देन मैच हुआ है। आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनेगा और आज शाम तक गिरफ्तारी की जाएगी। फिर भी आपको बचाने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में बात करूंगा। इसके बाद फोन कट गया। कुछ देर बाद फिर कॉल कर बताया गया कि तुम कल तक 10 लाख रुपए का इंतजाम करो। तुम्हारे परिवार को खतरा हो सकता है। इसलिए ये बात किसी को मत बताना। एसआई ने डर से किसी को नहीं बताया और हर घंटे वॉट्सऐप पर उसे अपना रिपोर्ट देता रहा।

9 जून को फिर से एसआई के पास फोन आया और रुपए की व्यवस्था के संबंध में पूछताछ की गई। एसआई के मना करने पर कहा गया कि 10 लाख नहीं दोगे तो बेल नहीं हो पाएगी और शाम तक गिरफ्तारी कर ली जाएगी। डर से सीआरपीएफ जवान ने पत्नी के जेवर बैंक में गिरवी रखकर 10 लाख रुपए ठगों के दिए गए खाता नंबर में ट्रांसफर कर दिया। ठगों ने 10 जून को फिर कॉल कर कहा गया कि उसे बेल मिल गई है। उसने बेल नोटिस एसआई के वॉट्सऐप पर भेजा।

इसके बाद 11 जून को फिर से सीआरपीएफ जवान को फोन कर बताया कि तुम्हारे और तुम्हारे परिवार के सदस्यों का एफडी और इश्योरेंस का भी वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके लिए 7 लाख रुपए व्यवस्था करने को कहा गया। इसके बाद ही छुटकारा मिलने की बात कही गई। सीआरपीएफ एसआई ने डर कर अपने बेटे की एफडी तोडक़र 5 लाख 1140 रुपए ठगों द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद ठगों ने कहा कि वेरिफिकेशन के बाद आपके सारे रुपए वापस कर दिए जाएंगे, जिस-जिस खाते से रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। इसके बाद फ्रॉड का मोबाइल बंद हो गया।


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