सरगुजा

सरगुजा वन मंडल में करोड़ों के गोदाम निर्माण में अनियमितता का आरोप
02-Apr-2025 8:42 PM
सरगुजा वन मंडल में करोड़ों के गोदाम निर्माण में अनियमितता का आरोप

2500 पन्नों की शिकायत के साथ एफआईआर कराने आरटीआई कार्यकर्ता सोनी पहुंचे थाने

प्रधानमंत्री कार्यालय एवं सरगुजा कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 2 अप्रैल। सरगुजा वन मंडल में करोड़ों रुपए के गोदाम निर्माण में अनियमितता का मामला सामने आया है। तत्कालीन और वर्तमान वन अधिकारियों पर फर्जी बिल और वाउचर के जरिए शासकीय धन के गबन का आरोप लगा है। अधूरी और घटिया गुणवत्ता की इमारतों के बावजूद करोड़ों का भुगतान किया गया। आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. डी.के. सोनी ने 2500 पन्नों की शिकायत के साथ कोतवाली थाना अंबिकापुर में एफआईआर दर्ज कराने का आवेदन दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय एवं कमिश्नर सरगुजा ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।

आरोप है कि मजदूरों के नाम पर फर्जी भुगतान किया गया, जिसमें एक ही व्यक्ति को लाखों रुपए का भुगतान दिखाया गया। साथ ही निर्माण कार्य मानकों के अनुसार भी नहीं हुआ है। तेंदूपत्ता रखने के लिए गोदाम का निर्माण किया गया था, परंतु उसमें बिना किसी अनुमति पीडीएस का चावल रखा जा रहा है। इस बड़े घोटाले में पूर्व वन मंत्री के करीबी ठेकेदार की संलिप्तता की बात भी सामने आई है। लगभग 20 से 25 करोड़ के इस बड़े घोटाले में डीके सोनी के द्वारा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है।

आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. डी.के. सोनी ने आरोप लगाते हुए कोतवाली थाना प्रभारी को सौंप गए ज्ञापन में बताया कि तत्कालीन डीएफओ पंकज कमल एवं वर्तमान डीएफओ शेखर के द्वारा तत्कालीन वनपरिक्षेत्राधिकारी तथा वर्तमान वन परिक्षेत्राधिकारी के साथ मिलीभगत कर गोदाम निर्माण में करोड़ों रूपए का फर्जी बिल वाउचर लगाकर शासकीय राशि का किया गया गबन  फर्जी एवं कूटरचित प्रमाणक तैयार कर लाखों रुपए एक श्रमिक के अकाउंट में पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है। करोड़ों रुपए फर्जी भुगतान के बाद भी खंडहर में गोदाम तब्दील हो रहे हैं। ड्राइंग डिजाइन के विपरीत घटिया निर्माण कर करोड़ों रुपए का वारा न्यारा किया गया है। आरोप है कि इसमें पूर्व वन मंत्री के करीबियों की भी संलिप्तता है।   संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कोतवाली अंबिकापुर में अपराध दर्ज करने का आवेदन दिया गया है।

शिकायत आवेदन में यह लेख किया गया है कि कार्यालय छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित रायपुर के द्वारा दिनांक 24 फरवरी 2021 के माध्यम से मुख्य वन संरक्षक एवं पदेन मुख्य महाप्रबंधक वन वृत्त सरगुजा को पत्र लिखते हुए तेंदूपत्ता भंडारण व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण एवं नवीन गोदाम निर्माण की स्वीकृति भेजा गया जिसमें सरगुजा जिले में कुल 8 गोदामों की स्वीकृति प्रदान की गई जिसमें एक फॉरेस्ट कैंपस काष्ठागर अंबिकापुर एवं ग्राम सारबाड के पास स्थित भूमि के गोदाम की स्वीकृति प्रदान की गई जिसका साइज 22 मीटर ङ्ग 25 मीटर तथा गोदाम के भंडारण क्षमता 1,53,600 बोरा निर्धारित किया गया जिसमें अन्य नियम एवं शर्तों का भी उल्लेख किया गया साथ ही साथ प्रत्येक गोदाम निर्माण की कुल राशि 1,46,65,821/- रुपए निर्धारित किया गया तथा शासन के द्वारा निर्माण हेतु बनाए गए सभी नियमों का पालन करते हुए गोदाम निर्माण का कार्य संबंधित जिला यूनियन विभागीय तौर पर संपादित किए जाने का आदेश दिया गया।

प्रस्तावित गोदाम के निर्माण हेतु आर्किटेक्ट का भी चयन करते हुए स्टीमेट तैयार किया गया जिसकी ड्राइंग डिजाइन भी बनाई गई थी उसके अलावा गोदाम निर्माण में फेबरिंग स्टील डिजाइन की प्रूफ डिजाइन किसी शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से करने की शर्त को शामिल किया गया था साथ ही साथ गोदाम के निर्माण के पर्यवेक्षक हेतु संघ मुख्यालय द्वारा थर्ड पार्टी कंसटलेशन नियुक्त किए जाने का भी उल्लेख है जो गुणवत्ता की मात्रा के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे इसके अलावा अन्य नियमों का भी उल्लेख दस्तावेज में किया गया है जिसका पालन करते हुए ही गोदाम निर्माण का कार्य करना था जो कि नहीं किया गया।

कार्यालय प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी संघ मर्यादित अंबिकापुर के द्वारा 29 मई 2021 को पत्र जारी करते हुए गजेंद्र दोहरे वन परिक्षेत्राधिकारी को उपरोक्त तेंदूपत्ता गोदाम निर्माण हेतु नियुक्त किया गया तथा उन्हें निर्माण कराने के लिए शर्तें निर्धारित की गई, इसके अलावा दिनांक 29 मई 2021 को ही तारा प्रसाद कश्यप वन क्षेत्रपाल गोदाम प्रभारी अंबिकापुर को भी गोदाम निर्माण की जिम्मेदारी सौंप गई।डीएफओ पंकज कमल एवं श्री शेखर के द्वारा तत्कालीन वनपरिक्षेत्राधिकारी तथा वर्तमान वन परिक्षेत्राधिकारी के साथ मिली भगत कर गोदाम निर्माण में करोड़ों रूपए का फर्जी बिल वाउचर लगाकर शासकीय राशि के गबन का आरोप है।

सरगुजा जिले में कुल 8 गोदामों की स्वीकृति प्रदान की गई जिसमें एक फॉरेस्ट कैंपस काष्ठागर अंबिकापुर एवं ग्राम सारबाड के पास स्थित भूमि के गोदाम की स्वीकृति प्रदान की गई जिसका साइज 22 मीटर ङ्ग 25 मीटर तथा गोदाम के भंडारण क्षमता 1,53,600 बोरा निर्धारित किया गया जिसमें अन्य नियम एवं शर्तों का भी उल्लेख किया गया साथ ही साथ प्रत्येक गोदाम निर्माण की कुल राशि 1,46,65,821/- रुपए निर्धारित किया गया तथा शासन के द्वारा निर्माण हेतु बनाए गए सभी नियमों का पालन करते हुए गोदाम निर्माण का कार्य संबंधित जिला यूनियन विभागीय तौर पर संपादित किए जाने का आदेश दिया गया।

प्रस्तावित गोदाम के निर्माण हेतु आर्किटेक्ट का भी चयन करते हुए स्टीमेट तैयार किया गया जिसकी ड्राइंग डिजाइन भी बनाई गई थी उसके अलावा गोदाम निर्माण में फेबरिंग स्टील डिजाइन की प्रूफ डिजाइन किसी शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से करने की शर्त को शामिल किया गया था साथ ही साथ गोदाम के निर्माण के पर्यवेक्षक हेतु संघ मुख्यालय द्वारा थर्ड पार्टी कंसटलेशन नियुक्त किए जाने का भी उल्लेख है जो गुणवत्ता की मात्रा के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे इसके अलावा अन्य नियमों का भी उल्लेख दस्तावेज में किया गया है जिसका पालन करते हुए ही गोदाम निर्माण का कार्य करना था जो कि नहीं किया गया।


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