सुकमा

शिक्षक संघ ने जताया सीएम व शासन का आभार, पारदर्शिता की रखी मांग
सुकमा, 1 जुलाई। राज्य के शिक्षकों के लिए बीते दिन बड़ी सौगात लेकर आया, जब 12 वर्षों से प्राचार्य पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों के चेहरे पर हाईकोर्ट से स्टे हटने के साथ ही खुशी लौट आई। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष संजय ठाकुर एवं जिलाध्यक्ष व प्रांतीय मंत्री शैलेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि वर्ष 2013 के बाद राज्य में प्राचार्य पदोन्नति नहीं हुई थी, जिससे प्रदेश के 90 फीसदी से अधिक हाई स्कूलों में प्राचार्य की नियुक्ति नहीं हो पाई थी।
इस स्थिति ने विद्यालयों में अनुशासन और शिक्षा की गुणवत्ता को गहरा प्रभावित किया। योग्य व पात्र शिक्षक लंबे समय से पदोन्नति की प्रतीक्षा में रिटायर हो गए या असमय मृत्यु को प्राप्त हुए। इस गंभीर परिस्थिति को देखते हुए शिक्षक संघ ने वर्तमान सरकार से निवेदन कर शीघ्र पदोन्नति आदेश जारी करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग को आवश्यक निर्देश दिए थे, जिसके फलस्वरूप 30 अप्रैल को लगभग 3000 शिक्षकों को प्राचार्य पद पर पदोन्नत किया गया।
हालांकि, कुछ शिक्षकों द्वारा इस प्रक्रिया को न्यायालय में चुनौती देने से मामला उलझ गया और पदोन्नति पर स्थगन (स्टे) लग गया। शासन ने कोर्ट में सशक्त पक्ष रखते हुए शिक्षक हित में निर्णय लिया और अब स्टे हटने के साथ ही वर्षों से अटकी पदोन्नति प्रक्रिया को हरी झंडी मिल गई है।
इस उपलब्धि पर प्रदेशभर के शिक्षकों में हर्ष की लहर है। शिक्षक संघ ने इस बहुप्रतीक्षित पदोन्नति के लिए मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव और शिक्षा संचालक का आभार जताया है। साथ ही संघ ने यह भी मांग की है कि प्राचार्य पदस्थापना में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए ताकि किसी भी प्रकार की लेन-देन या भ्रष्टाचार की संभावना को रोका जा सके। इसके लिए शिक्षक संघ ने शासन को एक विस्तृत सुझाव पत्र भी सौंपा है।
पदस्थापना आदेश पर आभार जताने वालों में प्रांताध्यक्ष संजय ठाकुर, प्रमुख संगठन मंत्री ओंकार सिंह, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष उमेश भारती गोस्वामी, प्रांतीय महामंत्री मनोज राय, कोषाध्यक्ष गया राम राजवाड़े, उपाध्यक्ष टेकराम सेन, डॉ. अशोक गुप्ता, सतीश तिवारी, शामिल हैं।