राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 मई। छत्तीसगढ़ में धान के अलावा अन्य फसलों (मक्का, सोयाबीन आदि) की पैदावार बढ़ाने हेतु किसानों को उक्त फसलों के अगले फसल वर्ष में शामिल करने का निर्णय किसान व ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा। छत्तीसगढ़ राज्य देश का पहला राज्य है, जिसमें किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए उनके हित में धान उत्पादक किसानों को फसल बदलकर मक्का, सोयाबीन आदि फसल लगाने हेतु उन्हें आकर्षित कर प्रोत्साहित करने के लिए प्रति एकड़ 10 हजार रुपए दे रहा है।
भूपेश सरकार द्वारा लिए गए उक्त निर्णय से किसानों के हित में तो है ही। साथ ही फसल चक्र परिवर्तन से कृषि आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरदर्शी सोच से प्रदेश के विकास के साथ ही राज्य के किसानों में खुशी की लहर दौड़ रही है और इन फसलों पर आधारित उद्योग भी हर्षित है।
इस संबंध में मध्य भारत कृषि आधारित उद्योगों के सबसे बड़े उद्योगपति व आईबी गु्रप के प्रबंध निदेशक बहादुर अली ने बताया कि हमारे प्रदेश में मक्का, सोयाबीन की हमेशा से ही शार्टेज रहा है व अधिक मांग रही है। उक्त फसल चक्र परिवर्तन से उद्योगों को पर्याप्त मात्रा में मांग पूरी होगी व किल्लत भी खत्म होगी। राज्य इन फसल पर आधारित उद्योगों के विस्तार व नए उद्योग खोलने की प्रबल संभावना भी बनेगी।
श्री अली ने राज्य सरकार का आभार प्रकट करते किसानों से अपील में कहा कि बेझिझक इस फसल चक्र परिवर्तन के महासंग्राम में राज्य सरकार के हाथ मजबूत करने आगे कदम बढ़ाएं।