राजनांदगांव

मनरेगा में बदलाव मजदूरों के हितों पर सीधा हमला-विशु
22-Dec-2025 5:02 PM
मनरेगा में बदलाव मजदूरों के हितों पर सीधा हमला-विशु

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 दिसंबर।
प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग कांग्रेस कमेटी के सचिव विशु अजमानी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा में केंद्र सरकार द्वारा किए गए हालिया बदलाव पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि इस नई व्यवस्था से योजना का मूल उद्देश्य ही कमजोर हो जाएगा और इसका सबसे ज्यादा नुकसान गरीब एवं ग्रामीण मजदूरों को उठाना पड़ेगा।

श्री अजमानी ने कहा कि मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण और व्यापक जनकल्याणकारी योजना में अब लगभग 40 प्रतिशत राशि का भार राज्य सरकारों पर डाला जा रहा है। इससे राज्यों की पहले से कमजोर आर्थिक स्थिति पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा और वे इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने में असमर्थ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत ग्रामीण मजदूरों को प्रतिवर्ष सौ दिन का रोजगार देने की कानूनी गारंटी पूर्व प्रधानमंत्री एवं विश्वविख्यात अर्थशास्त्री डा. मनमोहन सिंह द्वारा दी गई थी। यह कानून गरीबों और मजदूरों को सम्मानजनक रोजगार देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा इसमें किया गया बदलाव पूरी तरह अनुचित और मजदूर विरोधी है। 

उन्होंने आरोप लगाया कि पहले मनरेगा मजदूरों के लिए रोजगार की मजबूत गारंटी थी, लेकिन वर्तमान बदलावों के बाद मजदूरों को काम मिलना लगभग बंद होने की स्थिति बन जाएगी। इससे ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी तेजी से बढ़ेगी और मजबूरी में लोगों को रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन करना पड़ेगा। जिससे सामाजिक और आर्थिक समस्याएं और गंभीर होंगी।
श्री अजमानी ने केंद्र सरकार के इस फैसले को जनविरोधी बताते कहा कि यह गरीब, किसान और मजदूर वर्ग की अनदेखी को दर्शाता है। उन्होंने मांग की कि मनरेगा में किए गए इन सभी बदलाव को तत्काल वापस लिया जाए और योजना को उसके मूल स्वरूप में लागू किया जाए, ताकि ग्रामीण मजदूरों को उनका अधिकार और रोजगार की गारंटी मिलती रहे।


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