राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 मई। प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत किए जाने बिना विद्यार्थियों के भविष्य के लिए तैयार नहीं किया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहारे, राजनंादगंव जिलाध्यक्ष शरद शुक्ला एवं महामंत्री पीआर झाड़े का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग अपने सेटअप 2008 के गलतियों को पुन: 2022 में दोहराने जा रहा है।
कक्षावार पीरियड में विषय शिक्षकों के द्वारा पढ़ाई नहीं होने से विद्यार्थियों के ज्ञान अर्जन में गिरावट आया है, जब तक विद्यार्थियों को कक्षा अनुसार पढ़ाने वाला विषय शिक्षक नहीं मिलेगा, तब तक गुणवत्तायुक्त शिक्षा का अभाव विशेषकर प्राथमिक कक्षाओं के साथ माध्यमिक, उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक में रहेगा। ’दर्ज संख्या के आधार पर पद स्वीकृति के स्थान पर कक्षा की संख्या एवं पढ़ाये जाने वाले विषयों के अनुसार शिक्षक संवर्ग का पद स्वीकृत करना प्रभावकारी होगा।’
उन्होंने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्राथमिक विद्यालय में 80 विद्यार्थी संख्या पर सेटअप में 1 प्रधानपाठक और 2 सहायक शिक्षक पद के स्वीकृति का उल्लेख है। जबकि कक्षा पहली से पांचवी तक कुल 5 कक्षाओं में हिन्दी, अंग्रेजी, गणित एवं पर्यावरण सहित 4 विषयों को पढ़ाना है। गतिविधियों के लिए 1 पीरियड भी है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से प्रश्न किया है कि 5 कक्षाओं में 1 प्रधानपाठक सहित 2 सहायक शिक्षक कैसे पढ़ाएंगे। इसका समाधान होना चाहिए। उन्होंने बताया कि दर्ज संख्या में क्रमश: 30 विद्यार्थियों की वृद्धि पर एक अतिरिक्त सहायक शिक्षक का पद सेटअप में स्वीकृत होने का उल्लेख अव्यवहारिक है।
उन्होंने बताया कि पूर्व मध्यमिक विद्यालय (6 वीं से 8 वीं तक) के सेटअप में 1 प्रधानपाठक और 4 शिक्षक के पद स्वीकृत करने का उल्लेख है। रोज 3 कक्षाओं में 6 विषयों अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान, गणित और विज्ञान को कैसे पढ़ाएंगे। यह सेटअप बनाने वाले अधिकारियों को बताना चाहिए। विद्यालय दर्ज संख्या 30 से कम होने पर प्रधानपाठक पद स्वीकृत नहीं होने का उल्लेख आश्चर्यजनक है अर्थात संस्था प्रमुख बिना संस्था विद्यालय दर्ज संख्या में 30 विद्यार्थियों की वृद्धि पर एक शिक्षक पद और स्वीकृत होने का उल्लेख सेटअप में है।
उन्होंने बताया कि हाईस्कूल (9 वीं एवं 10 वीं) में 220 दर्ज संख्या पर सेटअप में 1 प्राचार्य और 5 व्याख्याता के पद स्वीकृत होंगे। कक्षा 9 एवं 10 में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान पढ़ाया जाता है। संस्कृत विषय का पद 220 दर्ज संख्या से अधिक होने पर स्वीकृत होने का उल्लेख सेटअप में है, लेकिन 220 अथवा कम की दर्ज संख्या वाले स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को संस्कृत कौन पढ़ाएगा। इसका जवाब शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लिया जाना चाहिए। हाईस्कूल में पीटीआई का पद स्वीकृत नहीं किया गया है। सरकार खेल को बढ़ावा देने योजना बना रही है, लेकिन शिक्षा विभाग के हाई स्कूल के सेटअप में इसे नजर अंदाज किया गया है।