रायपुर

डीजीपी घायल जवानों से हुए रूबरू और सुनी समस्याएं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर 18 फरवरी। डीजीपी डीएम अवस्थी ने नक्सल हिंसा में घायल जवानों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी, और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से दूर करने का भरोसा दिलाया।
डीजीपी श्री अवस्थी ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के जवान बहुत ही बहादुरी से नक्सल मोर्चे पर डटे हुए हैं। आपके अदम्य साहस और शौर्य पर सभी को गर्व है। जब भी नक्सल घटनाएं होतीं हैं तो आप अपनी जान दांव पर लगाकर अपने कर्तव्यपथ पर डटे रहते हैं। मुठभेड़ में कुछ जवान शहीद हो जाते हैं, जिनके परिजनों की देखभाल हम परिवार की तरह करते हैं। लेकिन मुठभेड़ में घायल जवानों की देखभाल भी हमारी जिम्मेदारी है। आप लोगों को जो भी समस्याएं हैं उन्हें प्राथमिकता से दूर किया जाएगा। चिकित्सीय सहायता हेतु नियमानुसार पूरी सहायता की जाएगी।
कार्यक्रम में प्लाटून कमांडर विनोद मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2016 में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान सीने में गोली लगने से गंभीर घायल हो गया था। आज भी सीने में बहुत दर्द रहता है। मुझे कार्यालयीन कार्य दे दिया जाए। हेड कान्सटेबल योगराज शर्मा ने बताया कि वर्ष 2007 में नक्सलियों से लड़ते हुए दोनों पैरों में गोली लग गयी थी। तब से एक पैर में रॉड लगा हुआ है। चलने-फिरने में बहुत समस्या होती है। मुझे सुबह ड्यूटी गणना से रियायत दे दी जाए।
प्रधान आरक्षक यशवंत साहू ने बताया कि साल 2013 में आईईडी ब्लास्ट के दौरान एक आंख और कान खराब हो गया है। कृपया नाईट ड्यूटी से राहत दे दी जाए। डीजीपी श्री अवस्थी ने कहा कि आप सभी की परेशानियों को देखते हुए तत्काल निराकरण किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि डीजीपी श्री अवस्थी द्वारा विभिन्न मुठभेड़ों में घायल हुए जवानों की समस्याओं के समाधान के लिए संवेदना कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसके तहत विभिन्न मुठभेड़ों में घायल जवानों की जानकारी एकत्रित कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। आज 25 जवानों और उनके परिजनों को रायपुर बुलाकर उनकी समस्याओं का तत्काल निराकरण किया गया। उल्लेखनीय है कि पिछले 20 साल में करीब 6 सौ 75 जवान घायल हुए हैं।