रायपुर
व्यापार विहार में 5 नवंबर तक प्रदर्शनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर , 2 नवम्बर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज नवा रायपुर स्थित राज्योत्सव परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उद्घाटित विकास प्रदर्शनी 1 से 5 नवम्बर 2025 तक आम नागरिकों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों और जनप्रतिनिधियों के लिए खुली रहेगी, जिसमें शासन की योजनाओं, जनसेवाओं और नई कानूनी व्यवस्थाओं की जानकारी आम जनता तक रोचक तरीके से पहुंचाया जाएगा।
नवीन आपराधिक कानूनों की झलक
देश में न्याय प्रणाली को आधुनिक, पारदर्शी और जन-केंद्रित बनाने की दिशा में किए गए सुधारों को गृह (पुलिस) विभाग की प्रदर्शनी में विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया है। इन नवीन आपराधिक कानूनों का उद्देश्य अपराधों की जांच और निपटान में वैज्ञानिक पद्धति, डिजिटल साक्ष्य और फोरेंसिक सहयोग को प्राथमिकता देना है, जिससे न्याय प्रणाली अधिक तेज़, प्रभावी और पारदर्शी बने। गृह विभाग की प्रदर्शनी में पुलिस विभाग, डायल 112, सीन ऑफ क्राइम यूनिट, सिविल हॉस्पिटल, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, अभियोजन, जिला न्यायालय, कारागृह, उच्च न्यायालय सहित न्याय व्यवस्था के पाँच प्रमुख स्तंभ — पुलिस, जेल, अभियोजन, फोरेंसिक विशेषज्ञ और न्यायिक अधिकारी — की भूमिका को दर्शाया गया है।गृह विभाग द्वारा प्रदर्शनी में जानकारी दी गई कि तकनीक, अनुसंधान और समन्वय के माध्यम से अब अपराध जांच और न्यायिक प्रक्रिया में गति और सटीकता लाई जा रही है। अभियोजन और न्यायिक कार्यवाहियों की ऑनलाइन ट्रैकिंग प्रणाली भी न्याय प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने में सहायक सिद्ध हो रही है।
इंटरएक्टिव लर्निंग खेल-खेल में कानून की समझ
प्रदर्शनी के अवलोकन हेतु आने वाले नागरिकों और छात्र-छात्राओं के लिए क्विज़ एवं खेल-खेल में कानून को समझने जैसे रोचक इंटरएक्टिव कार्यक्रम रखे गए हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से नवीन आपराधिक कानूनों के प्रावधानों को सरल और रोचक तरीके से समझाया जा रहा है। यह पहल न केवल जनजागरूकता बढ़ाने का माध्यम है, बल्कि नागरिकों में कानून के प्रति सम्मान, विश्वास और सहभागिता की भावना भी विकसित कर रही है। उल्लेखनीय है कि नवीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन से अपराधियों को सजा देने की प्रक्रिया अधिक तेज़, सटीक और वैज्ञानिक होगी। इससे आमजन के मन में कानून व्यवस्था के प्रति विश्वास और सुरक्षा की भावना और अधिक सुदृढ़ होगी। यह प्रदर्शनी न्यायिक सशक्तिकरण, सुशासन और नागरिक जागरूकता का एक सजीव उदाहरण प्रस्तुत करती है।
राज्योत्सव में रेलवे का भी प्रदर्शनी स्टाल
छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने भी प्रदर्शनी स्टाल लगाया है । इसमें छत्तीसगढ़ में रेलवे की आधुनिक प्रगतिरत परियोजनाओं को प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा अमृत भारत ट्रेन, वंदे भारत ट्रेन, नमो भारत ट्रेन ट्रेनों के मॉडल भी रखे गए हैं। यह गेट नंबर 3 के पास सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों वाले डोम में स्टॉल न. 03 में प्रदर्शित हैं।
‘एक पेड़ माँ के नाम’ योजना, ग्रीन गुफा और मियावाकी फॉरेस्ट जैसे नवाचारों की झलक
वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के स्टाल में विभाग की प्रमुख योजनाओं और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को जीवंत रूप में प्रदर्शित किया गया है।
स्टाल में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2024 में शुरू की गई ‘एक पेड़ माँ के नाम’ योजना की झलक प्रमुख रूप से दिखाई दे रही है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 6.41 करोड़ पौधे छत्तीसगढ़ में रोपे जा चुके हैं। राज्य में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए शहरी सूक्ष्म वन (मियावाकी फॉरेस्ट) विकसित किए जा रहे हैं, जो हरित पर्यावरण को बढ़ावा दे रहे हैं।
स्टाल में हांदावाड़ा जलप्रपात (नारायणपुर), कुटुमसर गुफा (कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान) और बारनवापारा अभयारण्य जैसे प्रसिद्ध प्राकृतिक स्थलों की जानकारी दी गई है। राज्य में वन्यजीव संरक्षण के सफल प्रयासों से काला हिरण की संख्या 77 से बढक़र 190 हो गई है, वहीं बाघों की संख्या भी वर्ष 2021 में 17 से बढक़र अप्रैल 2025 में 35 तक पहुँच गई है।
सहकार में समृद्धि
सहकारिता विभाग के प्रदर्शनी की थीम '25 वर्षों की यात्रा' और 'अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025' रखी गई है। यह स्टॉल छत्तीसगढ़ के किसानों की आत्मनिर्भरता और सामूहिक सहयोग की भावना का सशक्त प्रतीक बन गया है।स्टॉल में सहकारी शक्कर कारखानों, इथेनाल संयंत्रों, प्राथमिक कृषि साख समितियों, धान उपार्जन प्रणाली, किसान क्रेडिट कार्ड योजना और सहकारी बैंकों में कोर बैंकिंग सॉल्यूशन जैसी प्रमुख उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है।
स्टॉल में यह भी उपयोगी जानकारी दी गई कि प्रदेश में 725 नई सहकारी समितियों का गठन हुआ है तथा 695 समितियों में गोदाम-सह-कार्यालय भवन बन चुके हैं। धान खरीदी केंद्रों का पूर्ण कम्प्यूटराइजेशन किया गया है जिससे किसानों को पारदर्शी और त्वरित भुगतान मिल रहा है। किसान क्रेडिट कार्ड की संख्या बढक़र 20 लाख से अधिक हो गई है।
स्टॉल में ‘सहकार से समृद्धि’ की भावना को फोटो, चार्ट और डिजिटल माध्यम से जीवंत रूप में प्रदर्शित किया गया है।


