रायपुर

अब एक साथ बीएड और डीएलएड दोनों नहीं, एनसीटीई ने जारी किए नए नियम
13-Oct-2025 8:23 PM
अब एक साथ बीएड और डीएलएड दोनों नहीं, एनसीटीई ने जारी किए नए नियम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 13 अक्टूबर। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 2025 के लिए बीएड (और डीएलएड कोर्स के लिए नए नियम जारी कर दिए हैं। यह बदलाव नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षक प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किए गए हैं। अब छात्र एक समय में केवल एक ही शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स कर सकेंगे। इसके साथ ही 6 महीने की अनिवार्य इंटर्नशिप और मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्रशिक्षण लेने का प्रावधान भी लागू किया गया है।

परिषद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षक बनने के इच्छुक छात्र अब एक साथ बीएड और डीएलएड दोनों कोर्स नहीं कर पाएंगे। पहले कई विद्यार्थी दोनों को एक साथ पूरा करने की कोशिश करते थे ताकि समय की बचत हो सके, लेकिन इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रश्न उठने लगे थे। इसलिए अब प्रत्येक छात्र को केवल एक ही कोर्स चुनना होगा और उसी पर फोकस करना होगा।

नए नियमों के अनुसार, बीएड और डीएलएड दोनों कोर्स में अब 6 महीने की अनिवार्य इंटर्नशिप करना जरूरी होगा। यह इंटर्नशिप केवल उन्हीं स्कूलों में की जा सकेगी जो एनसीटीई से मान्यता प्राप्त हैं। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को शिक्षक बनने से पहले वास्तविक कक्षा अनुभव प्रदान करना है ताकि वे प्रशिक्षण के दौरान व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकें।

यह भी स्पष्ट किया है कि केवल उन्हीं संस्थानों से की गई पढ़ाई को मान्यता दी जाएगी जिन्हें परिषद ने मान्यता दी है। किसी फर्जी या गैर-मान्यता प्राप्त संस्थान से किया गया कोर्स वैध नहीं माना जाएगा। ऐसे संस्थानों से डिग्री लेने वाले छात्रों की डिग्री निरस्त मानी जाएगी।

नए नियमों के अनुसार, अब पूरा बीएड या डीएलएड कोर्स ऑनलाइन नहीं किया जा सकेगा। केवल थ्योरी से संबंधित कुछ मॉड्यूल ही ऑनलाइन संचालित किए जाएंगे। प्रैक्टिकल और प्रशिक्षण के लिए छात्रों को संस्थान में उपस्थित होना अनिवार्य होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्र केवल सैद्धांतिक ज्ञान ही नहीं बल्कि व्यवहारिक शिक्षण कौशल भी प्राप्त करें।

प्रवेश से पहले संस्थान की मान्यता जांचना जरूरी

छात्रों को अब किसी भी संस्थान में दाखिला लेने से पहले उसकी मान्यता स्थिति अवश्य जांचनी होगी। इसके साथ ही संस्थान की फीस संरचना, इंटर्नशिप व्यवस्था और हृष्टञ्जश्व से अनुमोदन की जानकारी भी देखना आवश्यक है। ऐसा न करने पर भविष्य में डिग्री या प्रमाणपत्र अमान्य हो सकता है।

शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में बड़ा कदम

एनसीटीई के इन नए दिशा निर्देशों को शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है। पहले जहां कई छात्र दोहरी डिग्री लेकर शिक्षक बनने की प्रक्रिया को मात्र औपचारिकता मानते थे, वहीं अब उन्हें अपने चुने हुए कोर्स में पूरी लगन से जुडऩा होगा। यह बदलाव भविष्य में स्कूलों और कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की संख्या बढ़ाने में मदद करेगा।


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