रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
तिल्दा, 28 जून। श्री नाकोडा इस्पात एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड के नए एकीकृत इस्पात परिसर के लिए पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना-2006 के प्रावधानों के तहत एक जनसुनवाई 27 जून को ग्राम सांकरा, तहसील तिल्दा, रायपुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित की गई।
यह बैठक अतिरिक्त कलेक्टर देवेंद्र पटेल की अध्यक्षता में संपन्न हुई और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी पी.के. राबडे जी द्वारा संचालित की गई। परियोजना प्रस्तावक ने जनसुनवाई के दौरान परियोजना के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी।
परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 684 करोड़ रुपये है और इससे लगभग 1200 व्यक्तियों को संभावित रोजगार मिलेगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रारंभिक पूंजीगत लागत लगभग 60 करोड़ रुपये है और आवर्ती लागत प्रति वर्ष लगभग 10 करोड़ रुपये होगी।
जनसुनवाई के दौरान, ग्राम सांकरा, लखना और परसदा के ग्रामीण बैनर लेकर खड़े थे और परियोजना की स्थापना का विरोध कर रहे थे, उन्होंने अन्य ग्रामवासियों को सुनवाई स्थल पर जाने से रोक दिया।
निष्कर्ष टिप्पणी में, परियोजना प्रमुख ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बहुत ही आकर्षक औद्योगिक विकास नीति 2024-2030 बनाई है, जिसमें तिल्दा क्षेत्र को औद्योगिक विकास के लिए चुना गया है। कंपनी ने एक बंद पड़ी और बीमार उद्योग मेसर्स एस्टर प्राइवेट लिमिटेड को नीलामी में खरीदा है, जो पिछले 10 से अधिक वर्षों से बंद थी। नई औद्योगिक नीति के तहत, कंपनी ने छत्तीसगढ़ सरकार के साथ संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है और बदले में वाणिज्य और उद्योग विभाग ने कंपनी को ‘इनविटेशन टू इंटरेस्ट’ जारी किया है।
सुनवाई पूरी होने के बाद, अतिरिक्त कलेक्टर ने सभी उपस्थित व्यक्तियों को अपनी राय लिखित में प्रस्तुत करने की सलाह दी तथा जनसुनवाई को संपन्न और समाप्त घोषित किया गया।
निर्देशानुसार कुछ ग्रामीणों एवं ग्राम पंचायतों ने अपने विरोध पत्र लिखित में प्रस्तुत किए, जबकि अधिकतर ग्रामीणों, ग्राम पंचायतों , जनप्रतिनिधियों, संगठनों के पदाधिकारियों ने प्लांट के समर्थन में अपनी लिखित सहमति जनसुनवाई स्थल पर उपलब्ध करवाई।