रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 मई। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ रविवार को बैठक हुई। इसमें चर्चा के बाद व्यक्तव्य जारी कर प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि राज्य में पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को केन्द्र के समान केन्द्र के देय तिथि से बकाया 5 प्रतिशत डीआर की राशि भुगतान करने छत्तीसगढ़ तुरंत मध्यप्रदेश सरकार एरियर देने के पूर्व प्रस्ताव के आधार पर सहमति देने की मांग की है। क्योंकि बकौल ब्यूरोक्रेट मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के पेंशनरों को डीआर देने में दोनों राज्य की सहमति की बाध्यता मानते है, इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार कर्मचारियों के लिए डी ए के आदेश जारी करने के बाद भी एक महीने से अधिक समय तक आदेश को मध्यप्रदेश से सहमति नहीं मिलने के नाम लंबित रखा हुआ है और अब मध्यप्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के लिए एरियर सहित 5प्रतिशत तथा छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति नहीं मिलने के कारण पेंशनरों के लिए बिना एरियर 3 प्रतिशत आदेश जारी कर दिए है। इसके बाद भी छत्तीसगढ़ सरकार में खामोशी कायम है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में भी कर्मचारियों के लिए एरियर सहित जनवरी 25 से 2प्रतिशत और जुलाई 24 से जारी 3प्रतिशत के आदेश को एरियर देने संशोधित डीए के आदेश करने की मांग की है। पेंशनरों ने रविवार की बैठक में सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने एक ही राज्य में बिजली कर्मचारियों और पेंशनरों को केन्द्र के समान, केन्द्र के देय तिथि से एरियर सहित डीए डीआर देने और सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को बिना एरियर डीए डीआर के आदेश जारी करने की परम्परा पर रोष जताया है।