रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 अप्रैल। स्वयं को पुलिस अधिकारी बता नौकरी लगवाने का झांसा देकर 16 लाख रूपए की ठगी करने वाले निलंबित आरक्षक संजीव मिश्रा गिरफ्तार किया गया है। उसने पंचशील नगर स्थित रूबी ब्यूटी पार्लर की संचालक रीता सोनी को शिकार बनाकर तीन बेरोजगारों से पेशगी में यह रकम वसूला था।
संजीव के विरूद्ध रायपुर, नारायणपुर, बीजापुर एवं सुकमा में भी अन्य प्रकरण दर्ज है । इनमें पुलिस द्रोह उद्दीपन तथा अपराधिक षडय़ंत्र के आरोप में वह जेल जा चुका है । सिविल लाईन में धारा 420 भादवि. के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सिविल लाइंस पुलिस के मुताबिक संजीव, रीना के ब्यूटी पार्लर में आता-जाता रहता था। और स्वयं को पुलिस में बड़े अधिकारी के पद में होना बताया था। इसी दौरान जनवरी में पुलिस और वन विभाग में भर्ती के विज्ञापन निकले थे । संजीव मिश्रा ने रीना से कहा था कि यदि किसी परिचित को पुलिस और वन विभाग में किसी की भर्ती कराना है तो सम्पर्क कर लोभर्ती करा दूंगा। इसके लिए अपने परिचितों से कुछ रकम एडवांस में और शेष रकम काम होने के बाद ले लेना कहा था। रीना ने संजीव मिश्रा की बातों पर विश्वास कर दिसंबर - 21 को अपने परिचित कमलेश चंद्र से 10 लाख, सागर ठाकुर से 3 लाख रूपए तथा विपिन सिंह से 3 लाख रूपए लेकर कुल 16 लाख रूपए कमलेश चंद्र एवं विक्की विश्वकर्मा के समक्ष दिए थे।
पैसे लेने के बाद संजीव मिश्रा ने उन सभी को विश्वास दिलायाथा कि भर्ती हो जाएगी किन्तु भर्ती का परिणाम आने उपरांत जब चयन नहीं हुआ तब रीना ,संजीव मिश्रा से फोन के माध्यम से संपर्क किया। किन्तु संजीव मिश्रा का फोन बंद आने लगा एवं कुछ दिनों बाद जब संपर्क हुआ तो गोलमोल जवाब देने लगा । रीना ने संजीव मिश्रा से 16 लाख रूपये वापस मांगे गये जिस पर संजीव मिश्रा द्वारा मैं पैसे वापस नहीं करूंगा जो करना है कर लो मेरे खिलाफ जो करना है तुम कर सकते हो की धमकी दिया। इस रिपोर्ट पर पुलिस ने पतासाजी की तो मालूम हुआ कि दुर्ग पुलिस का सिपाही संजीव मिश्रा पुलिस मुख्यालय के सीआईडी शाखा में संबद्ध है जो वर्तमान में निलंबित है। गैरहाजिर है । पुलिस ने उसे आज गिरफ्तार किया गया ।
संजीव मिश्रा के विरूद्ध रायपुर के टिकरापारा में धारा 109, 505(1), 120(बी) भादवि. तथा पुलिस द्रोह उद्दीपन अधिनियम की धारा 03, नारायणपुर के कोतवाली में धारा 120(बी), 505(1)(बी) भादवि.,बीजापुर के कोतवाली में धारा 120(बी), 505, 34, 124ए भादवि. तथा पुलिस द्रोह उद्दीपन अधिनियम की धारा 03, 04 तथा थाना सुकमा के धारा 505(1)(बी) भादवि. तथा पुलिस द्रोह उद्दीपन अधिनियम की धारा 3 दर्ज है और पूर्व में भी जेल निरूद्ध रह चुका है।
संजीव मिश्रा ने दो माह पूर्व ही दुर्ग से पैदल यात्रा कर पीएचक्यू में अपना इस्तीफा, और किट जमा कर दिया था। संजीव मिश्रा उज्जवल दीवान की तरह पुलिस कर्मियों, और परिवारों की मांग बुलंद कर रहा था, उसने डीजीपी अशोक जुनेजा, और सरकार पर पुलिस सिपाहियों की सुविधाओं, और भत्ते न देने का मुद्दा उठाया था। तब से उसके परिजन, और मित्र इस बात की आशंका जता रहे थे। उज्जवल की तरह संजीव पर भी कार्रवाई हो सकती है।


