रायगढ़

निर्दलीय प्रत्याशी ने चुनाव आयोग को पत्र देकर की कार्रवाई की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 7 नवंबर। रायगढ़ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे राधेश्याम शर्मा ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त, राज्य निर्वाचन पदाधिकारी को जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से भाजपा कांगे्रस के द्वारा प्रदेश में आचार संहिता उल्लंघन करने की लिखित शिकायत की है। साथ ही साथ भाजपा प्रत्याशी ओपी चौधरी एवं कांगे्रस प्रत्याशी प्रकाश शक्राजीत नायक के खिलाफ पुलिस में अपराध दर्ज करने शिकायत पत्र दिया है।
निर्दलीय प्रत्याशी राधेश्याम शर्मा ने अपने लिखित शिकायत में कहा है कि रायगढ़ विधानसभा क्रमांक 16 में भाजपा प्रत्याशी ओपी चौधरी, कांगे्रस प्रत्याशी प्रकाश शक्राजीत नायक के द्वारा शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे बड़े झंडे हजारों की संख्या में लगाये गए हैं। जिसमें मुद्रक, प्रकाशक संख्या प्रकाशित नहीं है।
रायगढ़ विधानसभा चुनाव के निर्दलीय प्रत्याशी राधेश्याम शर्मा ने आज उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजीव पांडेय को दो शिकायत प्रस्तुत किया है, पहली शिकायत जिसे मुख्य चुनाव आयुक्त भारत सरकार के नाम पर है। इस शिकायत में राधेश्याम शर्मा ने कहा है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद दोनो ही राष्ट्रीय दल भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव घोषणा पत्र जारी कर मतदाताओं को लुभाने के लिए किसानों की कर्जमाफी, धान का समर्थन मूल्य, नौकरी देने और अन्य लोक लुभावन प्रलोभन दी गई है। यह स्वस्थ्य लोकतंत्र की प्रक्रिया में बाधक है। ये मतदाताओं को पैसे का प्रलोभन दिया जा रहा है जो छत्तीसगढ़ में स्वस्थ निर्वाचन प्रक्रिया नहीं हो रहा है।
ज्ञापन में शर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के प्रत्याशियों को अयोग्य घोषित किया जाए और 6 वर्ष तक छत्तीसगढ़ में चुनाव लडऩे अयोग्य घोषित किया जाए। वहीं दूसरे शिकायत में राधेश्याम ने रायगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर कहा है की रायगढ़ में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल के प्रत्याशी द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है।
शर्मा का आरोप है की हजारों बैनर पोस्टर और फ्लैक्सी दोनो दलों द्वारा रायगढ़ के विभिन्न वार्डों और गांवों में लगाया गया है जिसपर प्रकाशक और मुद्रक का नाम नहीं है। इन्हें जब्त किया जावे और दोनों प्रत्याशी ओपी चौधरी और प्रकाश नायक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जावे। आगे उन्होंने कहा है कि अगर इन एफआईआर दर्ज नहीं होता है तो वह स्वयं पुलिस अधीक्षक के पास एफआईआर दर्ज कराने जाएंगे।