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मिजोरम में सत्ता में आने पर जेडपीएम राजग या ‘इंडिया’ गठबंधन में नहीं होगी शामिल: लालदुहोमा
03-Nov-2023 1:45 PM
मिजोरम में सत्ता में आने पर जेडपीएम राजग या ‘इंडिया’ गठबंधन में नहीं होगी शामिल: लालदुहोमा

आइजोल, 3 नवंबर जोरम पीपल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के नेता एवं पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा ने कहा है कि यदि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आती है, तो वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) या ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूजिव अलायंस’ (इंडिया) में शामिल नहीं होगी।

लालदुहोमा ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र के नियंत्रण से मुक्त एक स्वतंत्र क्षेत्रीय दल के तौर पर अपनी पहचान बरकरार रखेगी।

जेडपीएम नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हम सत्ता में आने पर भी राष्ट्रीय स्तर पर किसी समूह में शामिल नहीं होंगे। हम अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखना चाहते हैं और एक स्वतंत्र क्षेत्रीय दल बने रहना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम दिल्ली के नियंत्रण में नहीं रहना चाहते।’’

लालदुहोमा (73) ने साथ ही कहा कि जेडपीएम केंद्र के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बना कर रखेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र में सरकार के साथ अच्छे संबंध बनाकर रखेंगे। तर्कसंगत होने पर ही हम उसका समर्थन या विरोध करेंगे।’’

जेडपीएम का गठन 2017 में दो राजनीतिक दलों और पांच समूहों ने किया था। गैर-कांग्रेसी, गैर-एमएनएफ (मिजो नेशनल फ्रंट) सरकार के नारे को भुनाते हुए पार्टी 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में आठ सीट जीतकर राज्य में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी, जिससे कांग्रेस तीसरे स्थान पर खिसक गई।

लालदुहोमा ने दावा किया कि महज पांच साल पुरानी अपेक्षाकृत युवा पार्टी जेडपीएम अपनी नई शासन प्रणाली नीति के साथ विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने को लेकर आश्वस्त है और राज्य में दशकों पुरानी द्विध्रुवीय राजनीति को खत्म करने की उम्मीद कर रही है।

लालदुहोमा ने दावा किया कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव जीतने को लेकर आश्वस्त है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि पार्टी को कितनी सीट पर जीत की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि लोगों का एमएनएफ और कांग्रेस पर से ‘‘भरोसा उठ’’ गया है और वे बदलाव चाहते हैं।

भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें जबरदस्त बहुमत के साथ चुनाव में जीत मिलने का भरोसा है। लोग शासन की नई प्रणाली को देखने के लिए उत्सुक हैं। हमें सकारात्मक वोट चाहिए। हम चाहते हैं कि लोग हमें एमएनएफ और कांग्रेस से उकता जाने के कारण नहीं, बल्कि बदलाव के लिए वोट दें।’’

मिजोरम में विधानसभा चुनाव सात नवंबर को होंगे।

लालदुहोमा ने कहा कि अगर जेडपीएम सत्ता में आती है, तो वह सत्ता के विकेंद्रीकरण का काम करेगी और विकास पर नजर रखने के लिए राज्य से लेकर गांव के स्तर तक गैर सरकारी संगठनों, गिरजाघरों और लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य संगठनों को शामिल करते हुए समितियां गठित करेगी।

उन्होंने कहा कि पार्टी वित्तीय बाधाओं को दूर करने के लिए खर्चों में कमी करने के कदम भी उठाएगी और सभी मंत्री एवं विधायक उन्हें मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं में भी कटौती करेंगे।

लालदुहोमा ने मुख्यमंत्री जोरमथंगा के नेतृत्व वाली एमएनएफ सरकार के शरणार्थियों से निपटने के तरीके को ‘‘असंतोषजनक’’ बताते हुए उसकी आलोचना की ।

उन्होंने कहा कि जेडपीएम को म्यांमा, बांग्लादेश और मणिपुर छोड़कर गए ‘जो’ जातीय लोगों की चिंता की है और अगर वह सत्ता में आती है तो मौजूदा सरकार से बेहतर काम करेगी।

लालदुहोमा ने दावा किया कि मणिपुर में हुई हिंसा भाजपा सहयोगी एमएनएफ की मदद करने के बजाय उसकी जीत की संभावना को प्रभावित करेगी, क्योंकि भाजपा मणिपुर की स्थिति को संभालने में ‘‘विफल’’ रही। (भाषा) 


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