महासमुन्द

यहां रोजाना 200 की संख्या में आरटीपीसीआर सैंपल की जांच हो सकेगी
इंस्टॉल की प्रक्रिया, टेक्निकल टीम की ट्रेनिंग पूरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 26 अप्रैल। लंबे इंतजार के बाद कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच जिले में एक दो दिन के भीतर ही वायरोलॉजी लैब शुरू होने की संभावना है। इसकी विभाग ने करोड़ों रुपए की लागत से बने इस लैब की तैयारियां पूरी कर ली है।
लैब को शुरू करने के लिए एम्स रायपुर ने रविवार को महासमुंद वायरोलॉजी लैब को 20 आरटीपीसीआर सैंपल भेजे। इसकी जांच कर लैब ने रविवार की ही देर शाम रिपोर्ट एम्स को वापस भी भेज दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एम्स रायपुर से भेजे गए इस सैंपल की जांच के बाद जो रिपोर्ट भेजी गई, उसे कोड के साथ भेजा गया था जिसकी जांच कर कोड के साथ ही रिपोर्ट वापस भेजी गई है। जहां पूर्व में जांच किए गए कोड के साथ इसका मिलान किया जाएगा। यहां से भेजी गई रिपोर्ट के कोड व एम्स के कोड के मेल खाने के बाद एस्म से महासमुंद के वायरोलॉजी लैब को शुरू करने के लिए हरी झंडी मिल जाएगी। कहा जा रहा है कि यह एक प्रकार का टेस्ट प्रोसेस भी है, जिसमें यहां के लैब एक्सपर्ट और मशीन के तालमेल को ही एनालाइज किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वायरोलॉजी लैब शुरू होने से यहां रोजाना 200 की संख्या में आरटीपीसीआर सैंपल की जांच हो सकेगी। मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ एनके मंडपे ने बताया कि पिछले वर्ष ही यह तय हो गया था कि जिले में वायरोलॉजी लैब की स्थापना की जाएगी। इसके लिए मशीनें भी आ गई थी। लेकिन लॉकडाउन और अन्य कारणों से इसे इंस्टॉल नहीं किया जा सकता था। इस साल कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे इंस्टॉल करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। लैब इंचार्ज भी आ चुके हैं और टेक्निकल टीम की ट्रेनिंग भी पूरी हो गई है। एम्स से भेजे गए सैंपल की जांच के बाद रिपोर्ट भेज दी गई है। वहां से क्लीयरेंस मिलने के बाद लैब में टेस्टिंग शुरू कर ली जाएगी।
ज्ञात हो कि शहर के पुराना जिला अस्पताल परिसर में वायरोलॉजी लैब तैयार है। एम्स से हरी झंडी मिलने पर यहीं होगी आरटीपीसीआर सैंपल की जांच होगी। वैसे भी पिछले 2 हफ्तों से विभिन्न कारणों से कोरोना जांच प्रभावित रहा है। इसमें मुख्यत: राजधानी में आरटीपीसीरआर के सैंपल बहुत अधिक हो गए थे। इसके कारण यहां से लगभग 5 दिनों तक आरटीपीसीआर का सैंपल राजधानी नहीं भेजा गया था। वहीं जिले में एंटीजेन व ट्रू.नॉट के लिए टेस्टिंग किट की भी भारी कमी है। जिसके कारण कोरोना जांच बहुत प्रभावित है। जिले के पुराना जिला चिकित्सालय परिसर में बने वायरोलॉजी लैब के शुरू होने से जिला के लोगों को काफी लाभ होगा। यहां पूरी तेजी से और ज्यादा से ज्यादा जांच किया जा सकेगा। रिपोर्ट भी जल्दी मिल जाएगी। मालूम हो कि वायरोलॉजी लैब को शुरू करने के लिए पिछले हफ्ते ही जिले के 9 स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मेकाहारा में 7 दिन की ट्रेनिंग ली थी। ट्रेनिंग के बाद लौटे कर्मचारियों ने कल रविवार को एम्स के सैंपल की जांच की है। इसे शुरू करने के लिए जल्द ही हरी झंडी एम्स से मिल जाएगी।