महासमुन्द

मरीजों की संख्या कम हुई, ठीक होने वालों में भी इजाफा हुआ लेकिन मौतों के आंकड़े डरा रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 25 अपै्रल। महासमुंद जिले में लॉकडाउन के पिछले 10 दिनों में मरीजों की संख्या में कमी आई है। यही नहीं इन 10 दिनों में ठीक होने वालों की संख्या में भारी इजाफा भी हुआ है। हालांकि मौत की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है, जो स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। महासमुंद जिले में 14 अप्रैल से लॉकडाउन की शुरुआत हुई। लॉकडाउन के इन 10 दिनों में महासमुंद जिले में 3937 मरीजों की पहचान हुई है और 3930 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो लाकडाउन के 13 दिनों में हालात काफी बेहतर हंै।
जिले में अप्रैल के शुरुआती 13 दिनों में 4743 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे और केवल 938 मरीज ठीक हुए थे। हालांकि लॉकडाउन के दौरान मौतें अधिक हुई है।अप्रैल महीने के शुरुआती 13 दिन में 28 ने दम तोड़ा था, जबकि लॉकडाउन के 10 दिन में 33 मौतें हो चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की मानें तो लॉकडाउन संक्रमण की चेन को तोडऩे में कारगर साबित हो रहा है। कोरोना नियंत्रण के जिला नोडल अफसर डॉ.अनिरूद्ध कसार ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है तो लक्षण सामने आने में कम से कम चार से पांच दिन का समय लगता है। यदि लॉकडाउन नहीं होता तो उक्त संक्रमित व्यक्ति बाहर होता और उसके जरिए दूसरे लोग भी संक्रमित होते। लॉकडाउन के कारण अधिकांश लोग अपने-अपने घरों में हैं और इससे संक्रमण की चेन तोडऩे में मदद मिल रही है।
जिले में शनिवार को कोरोना के 384 मरीजों की पहचान हुई है और 363 स्वस्थ भी हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार शनिवार को महासमुंद ब्लॉक में 129, बागबाहरा में 76, पिथौरा में 60, बसना में 50 और सरायपाली ब्लॉक में 69 मरीजों की पहचान हुई है। जिले में शनिवार को 3 मौतें भी हुई है। जिले में अब तक कोरोना के कुल 19506 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं 14755 स्वस्थ हुए हैं। शनिवार की स्थिति में जिले में एक्टिव केस की संख्या 4527 है। वहीं 224 लोग कोरोना से दम तोड़ चुके हैं।
अप्रैल महीने के सिर्फ 23 दिनों में अकेले महासमुंद जिले में 8680 कोरोना मरीजों की पहचान हुई है। हालांकि अप्रैल महीने में ठीक होने वालों के आंकड़े में भी बढ़ोत्तरी हुई है और इतने ही दिनों में 4868 मरीज स्वस्थ हुए हैं। जिले में अप्रैल महीने के इन 23 दिनों में 61 मौतें हो चुकी है, जो कोरोना काल में एक महीने में होने वाली मौत में सर्वाधिक है।