महासमुन्द

प्रभारी प्राचार्य पर फर्जी बिलों से धन आहरण का आरोप
20-Nov-2025 3:39 PM
प्रभारी प्राचार्य पर फर्जी बिलों से धन आहरण का आरोप

शाला प्रबंधन एवं विकास समिति अध्यक्ष ने डीईओ से की शिकायत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 20 नवंबर। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी-हिंदी माध्यमिक विद्यालय पिरदा के प्रभारी प्राचार्य पर भ्रष्टाचार,फर्जी बिलों के माध्यम से धन आहरण तथा विद्यालय की मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी जैसे गंभीर आरोप शाला प्रबंधन एवं विकास समिति अध्यक्ष इंदल बरिहा ने लगाया है। उन्होंने कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी महासमुंद को विस्तृत शिकायत सौंपकर मामले की जांच और कार्रवाई की मांग की है।

शिकायत में कहा गया है कि प्रभारी प्राचार्य द्वारा शासन से विद्यालय विकास के लिए प्राप्त राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है तथा फर्जी बिलों के जरिये खर्च दिखाकर धन निकाल लिया जाता है। विद्यालय में छात्रों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। आरोप है कि प्रभारी प्राचार्य स्वयं अंग्रेजी विषय के शिक्षक होते हुए भी एक भी कक्षा नहीं लेते और अंग्रेजी पढ़ाने का कार्य क्लर्क सहायक ग्रेड.3 से कराते हैं। जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। जनभागीदारी समिति की बैठकों में आय व्यय का ब्यौरा पूछे जाने पर प्राचार्य गोल-मोल जवाब देते हैं और प्रयोगशाला सामग्री के बारे में पूछने पर इसे चोरी होना बताकर जिम्मेदारी से बचने का प्रयास करते हैं।

 

शिकायतकर्ता ने शिक्षा सत्र 2023.24 और 2024.25 के समस्त आय.व्यय विवरण की जांच, विद्यालय में उपलब्ध सामग्री का भौतिक सत्यापन, स्वामी आत्मानंद विद्यालय बनने से पूर्व उपलब्ध फर्नीचर तथा नए फर्नीचर के आगमन के बाद पुराने फर्नीचर का क्या किया इसकी जांच तथा सभी शिक्षकों द्वारा नियमित रूप से कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है या नहीं,इन सभी बिंदुओं की जांच की मांग की है। शिकायत प्राप्त होने पर जिला शिक्षा अधिकारी महासमुंद ने 10 नवंबर 2025 को आदेश जारी करते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी पिथौरा को प्रकरण की जांच कर सात दिवस के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

शिकायतकर्ता का कहना है कि 10 नवंबर को जांच आदेश जारी हुए 7 दिनों से अधिक दिन बीत चुके हैं, पर विद्यालय में अब तक किसी भी प्रकार की जांच प्रारंभ नहीं की गई है। इससे अभिभावकों और समिति सदस्यों में असंतोष बढ़ रहा है। समिति ने जिला प्रशासन से छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करने की मांग की है।

10 नवंबर को जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश जारी होने के बावजूद अभी तक यानी 19 नवंबर तक किसी प्रकार की जांच करवाई नहीं किए जाने पर शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष इंदल बरिहा का आरोप है कि प्राचार्य के खिलाफ  लगाए गए आरोपों पर शिक्षा विभाग पर्दा डालने में लगा हुआ है।


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