महासमुन्द

मूसलाधार बारिश ने मचाई तबाही, महानदी से सटे 15 पंचायतों में अलर्ट
26-Jul-2025 4:46 PM
मूसलाधार बारिश ने मचाई तबाही, महानदी से सटे 15 पंचायतों में अलर्ट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 26 जुलाई। जिले में शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश ने ग्रामीण अंचलों में तबाही मचा दी है। कल सुबह 11 बजे से शुरू हुई बारिश आज समाचार लिखते दोपहर एक बजे तक जारी है। कई गांवों में बस्तियों तक पानी घुस गया।

 ग्राम लहंगर, कुकराडीह और तेंदवाही में बारिश का पानी घरों के अंदर पहुंच गया है। जिससे घरेलू सामग्री और खेती के लिए रखे रासायनिक खाद पूरी तरह से भीग गए हैं। इस गांव की बस्ती में करीब एक फ ीट तक पानी भरा हुआ है। इस तरह जिले में 24 घटे से लगातार हो रही बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

 एक गांव से दूसरे गांव को जोडऩे वाली सडक़ें और नाले में उफान के कारण आवाजाही बंद हो गई है। बम्हनी, चिंगरौद पुल, पीढ़ी, गढसिवनी नाले, कोसमनाले में उफ ान जारी है। ग्राम लंगहर, तेन्दूवाही, कुकराडीह, परसाडीह, खड़सा के निचली बस्तियों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। महानदी से सटे लगभग 15 पंचायतों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक ग्राम खड़सा के कमार डेरा में भी घरों में पानी घुसा गया था। प्रशासन ने सूचना पर कमारडेरा से दस लोगों को रेस्क्यू कर निकाला और वहां के पंचायत भवन में उनके रहने की व्यवस्था के साथ उनके खाने-पीने की व्यवस्था की है।

यह भी जानकारी मिली है कि बीती रात ग्राम तर्रा, धरसींवा, रायपुर के पति-पत्नी नील कमल निषाद व ज्योति निषाद बाइक से पीढ़ी गढ़सिवनी नाला पार करते समय बह गये। इनको बचाने के लिए दो ग्रामीण गये वो भी बहने लगे। सूचना पर प्रशासन की रेस्क्यू टीम पहुंची और सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। जिले में पिछले 24 घंटे में कुल 305.7 मिमी वर्षा हुई है।

बीती रात से हो रही बारिश के चलते बया-राजादेवरी मार्ग स्थित खरखरी नाला व बया कसडोल, असनीद के पास बढ़घट नाला उफ ान पर है। जलस्तर बढऩे के कारण नाले का पानी सडक़ के ऊपरबह रहा है। इस मार्ग पर भी आवाजाही पूरी तरह ठप है। यह मार्ग क्षेत्र के लगभग 50 गांवों को जोडऩें वाला मुख्य संपर्क मार्ग है जो ग्रामीणों की दैनिक आवश्यकताओं, स्कूल, अस्पताल और बाजार तक पहुंचने का प्रमुख साधन है।

 स्थानीय लोगों ने फोन पर बताया कि खरखरी नाले पर पुल निर्माण की मांग वर्षों से की जा रही है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई। बरसात में हर बार इसी तरह रास्ता बाधित हो जाता है, जिससे विद्यार्थियों, किसानों, बीमार व्यक्तियों व दैनिक कामकाज पर जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

धान फसल के लिए इस बारिश को फायदेमंद व नारवाली सब्जियों के लिए आफत कहा जा रहा है। महासमुंद शहर की निचली बस्ती के घरों में पानी घुस गया है। राशन, खाद, कपड़े आदि सामग्री भीग गई है। आज सुबह से बारिश की वजह से फुटपाथ व्यवसाइयों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सुबह स्वामी चौक तथा शास्त्री चौक में फल-सब्जियों की दुकानें बारिश की वजह से नहीं लग पायी।  अनेक व्यवसाई जिन्होंने दुकानें लगाई थीं, उनकी दुकानों में ग्राहकी कम है।

 

महासमुंद सहित बसना, सरायपाली, पिथौरा अंचल में बारिश जारी है। कृषि अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक बीच में थोड़ी स्थिति जरूर थोड़ी बिगड़ी थी। लेकिन अब सम्हल गई है। रूक-रूककर होने वाली बारिश फसल के लिए फायदेमंद है। कम दिन में उपजने वाले बीज कृषि विभाग के गोदाम में रिजर्व हैं। क्षेत्र में बारिश होने के बाद रोपाई के कार्यों में तेजी आ गई है। किसान और मजदूर खेतों में धान की रोपाई के कार्य में जुटे हुए हैं।

महासमुंद जिले में चालू मानसून के दौरान 01 जून 2025 से अब तक 439.3 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। भू.अभिलेख से मिली जानकारी के अनुसार जिले में सर्वाधिक औसत वर्षा पिथौरा तहसील में 575.0, सरायपाली में 504.8, बसना में 484.2, बागबाहरा में 373.3, महासमुंद में 372.5 मिलीमीटर और सबसे कम वर्षा 326.0 मिलीमीटर कोमाखान तहसील में दर्ज की गई। कल 25 जुलाई को जिले में 18.5 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई।


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