महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 26 जुलाई। शिक्षा का अधिकार आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के दाखिले की प्रक्रिया टल गई है। दूसरे चरण की भर्ती के लिए निर्धारित तारीख 22 और 23 जुलाई को लॉटरी से किया जाने वाला सीटों का आवंटन रद्द हो गया है। जबकि 25 से 31 जुलाई तक चयनित बच्चों को प्रवेश भी मिल जाना था। अब सीटों के आवंटन की नई तारीख क्या होगी, जिम्मेदारों के पास इसका कोई सटीक जवाब नहीं है।
मालूम हो कि बच्चों के प्रवेश प्रक्रिया के तहत द्वितीय चरण के लिए 2 से 19 जुलाई तक सत्यापन किया गया। इसके बाद 22 से 23 जुलाई तक लॉटरी आवंटन की तिथि तय की गई थी। लेकिन अब सर्वर डाउन व तकनीकी खामियों के चलते इसकी प्रक्रिया 31 जुलाई को होगी। आरटीई के तहत दस्तावेजों की जांच के बाद चयनित बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिया जा रहा है। इस साल प्रवेश के लिए जिले में 1671 सीटों में प्रवेश पाने के लिए कुल 3200 आवेदन मिले थे। इनमें से एक तिहाई आवेदन रिजेक्ट हो गए। वहीं अभी तक 1373 बच्चों को एडमिशन दिया जा चुका है। अब केवल 298 सीट ही खाली बची है। जबकि अभी भी 1827 बच्चों का आवेदन शेष है। इस तरह एक सीट के लिए तीन बच्चों के बीच भाग्य का मुकाबला होगा।
पिछले साल जिले में 1672 सीटें थी। जबकि इस बार केवल 1671 सीटों पर बच्चों को प्रवेश मिलेगा। नोडल अधिकारी ने बताया कि आवेदन करने के दौरान कई बच्चों का आधार कार्ड, जन्म तिथि, राशनकार्ड, सर्वे सूची नहीं होने के कारण रिजेक्ट हुए हैं। इसके अलावा कई लोग दो लोगों की उम्र ज्यादा नहीं होने के बाद आवेदन करते हैं। साथ ही कुछ बच्चों का दोबारा फॉर्म भर देते हैं। इसके चलते भी आवेदन रिजेक्ट हो जाते हैं।
जानकारी मिली है कि पोर्टल अपडेट नहीं हैं और अभी जानकारी भी आधी-अधूरी है। विभाग का पोर्टल अपडेट नहीं होनेके कारण पोर्टल में गलत आंकड़े दिखाए जा रहे हैं। पोर्टल में अब भी जानकारी आधी-अधूरी और सीटों की संख्या कम दिखाई जा रही है। विभाग के पोर्टल में किसी भी डेटा की जानकारी सही नहीं दर्शाया गया है। महासमुंद डीईओ विजय लहरे ने बताया कि इस साल सीट संख्या का निर्धारणए प्रवेश संख्या के आधार पर किया गया है।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा किसी तरह की दिक्कतें आने पर हेल्प लाइन नंबर जारी किया जाता है। च्वाइस सेंटर संचालकों ने बताया कि प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन भरने के बाद कई बार मोबाइल में ओटीपी नहीं आता है। प्रवेश के लिए पंजीयन करने के बाद यदि लाइट बंद हो गया तो इससे आवेदन क्रमांक नहीं मिल पाता है। अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल से दर्ज संख्या कम होने के चलते सीटें इस बार घटी है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 227 प्राइवेट स्कूल संचालित है। निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए नर्सरी में 907 सीटें है। केजी.1 में 757 सीटें निर्धारित की गई हैं। इसी तरह क्लास.1 में केवल 07 सीटें निर्धारित की गई है, जो सबसे कम है। जबकि पिछले साल 20 सीटें थी। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दस्तावेजों की जांच के लिए जिले में 84 नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इनमें प्राचार्य भी शामिल रहेंगे, जो दस्तावेजों की जांच करेंगे।