महासमुन्द

जुगाड़ की किताबों से तिमाही परीक्षा देंगे
महासमुंद, 26 जुलाई। महज 5 दिनों में जुलाई माह समाप्त होने को है लेकिन अब तक शासकीय स्कूलों में किताबें नहीं पहुंची है। ऐसे में अब बच्चों को बिना किताबों के ही मासिक परीक्षा देना होगा। गौरतलब है कि इसी माह से बच्चों की मंथली टेस्ट भी शुरू होने वाली है। पिछले माह भर से शिक्षक बच्चों को पीडीएफ के भरोसे अध्यापन कार्य कर रहे हैं। लेकिन बच्चों के पास किताबें नहीं होने की वजह से वे गृह कार्य नहीं कर पा रहे हैं। सितंबर माह में तिमाही तथा दिसंबर माह में छमाही परीक्षाएं होनी है। यानी तिमाही के लिये मात्र माह भर ही समय शेष है।
मिली जानकारी के अनुसार जिले की सरकारी स्कूलें 16 जून से शुरू हो चुकी हैं लेकिन जिला शिक्षा विभाग अब तक भी बच्चों को सभी विषयों की किताबें ही उपलब्ध करवा पाया है। कहीं बच्चों को हिंदी की किताब नहीं मिली है तो कहीं सामाजिक विज्ञान विषय छूट गया है। लिहाजा बच्चों के पास मंथली टेस्ट की तैयारी के लिए किताबें नहीं है।फिलहाल सरकारी स्कूल पीडीएफ में मिली किताब से बच्चों को पढ़ा रहे हैं। शिक्षा संचालनालय से बच्चों को पुरानी किताबों से पढ़ाने का आदेश दिया है।
जबकि पुरानी किताबों का बहुत अधिक कोर्स इस बार बदल चुका है। बच्चे जुगाड़ की किताबों से काम चला रहे हैं। जिससे उन्हें मंथली टेस्ट की तैयारी करनी होगी।
जिला स्तर पर पुस्तक वितरण का काम लगभग 30 दिन पीछे चल रहा है और बारकोड सिस्टम बच्चों और शिक्षकों के लिए सिरदर्द बन गया। सरकारी स्कूलों में कक्षा 8 वीं में कई जगह पर सामाजिक विज्ञान की किताबें नहीं मिल पाई तो कहीं हिंदी और विज्ञान। पहले जहां कक्षा 6 वीं के बच्चों को 6 किताबें पढऩी होती थी, वहीं अब किताबों की संख्या 9 हो गई हैं। कोर्स कंटेंट भी लगभग बदल गया है। पिछले साल शासकीय स्कूलों के बच्चों की किताबें कबाडिय़ों के पास मिली थीं। इसके बाद जमकर बवाल मचा था। बाद में विभाग ने तय किया कि सभी किताबों को बारकोड से लैस किया जाएगा।