महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 22 अक्टूबर। सुगम एप के विरोध में सोमवार से जिले भर के स्टांप वेंडर तथा दस्तावेज लेखक अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। फलस्वरूप कल कचहरी में आने वाले लोगों को स्टाम्प तथा दस्तावेज टाइपिंग कराने के लिये भटकना पड़ा। जिला मुख्यालय सहित पिथौरा, बसना, सरायपाली सभी ब्लॉकों में यही स्थिति रही।
मालूम हो कि दीपावली के दौरान बड़ी संख्या में जमीन की खरीदी, बिक्री, दुकान, मकानों की खरीदी बिक्री सहित अनेक स्टांप से संबंधित काम होते हैं। लेकिन हड़ताल की वजह से यह काम प्रभावित है।
मिली जानकारी के अनुसार सुगम एप कल ही लांच किया गया है। लेकिन छत्तीसगढ़ दस्तावेज लेखक एवं स्टांप वेंडर संघ ने उक्त सुगम ऐप की ट्रेनिंग का बहिष्कार कर 21 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन काम बंद कलम बंद की शुरुआत कर दी है। संघ के सदस्यों के अनुसार पिछले माह 18 से 20 सितंबर तक सांकेतिक हड़ताल किया जाना निश्चित किया गया था जिस पर महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक पुष्पेंद्र मीणा द्वारा संघ के प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर 8 सूत्रीय मांगों को 15 दिन में पूरा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन 1 माह बीत जाने के बाद भी संघ की मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया।
इस बीच बीते शुक्रवार को विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया कि सोमवार से सुगम एप द्वारा रजिस्ट्री की जाएगी। जिसमें छत्तीसगढ़ के भोलेभाले आदिवासी दलित पिछड़े लोगों को ठगे जाने की पूरी संभावना दिखाई दे रही है। फेसलेस रजिस्ट्री में कोई चालाक क्रेता गरीब किसान की बेशकीमती जमीन भी धोखे से रजिस्ट्री करवा सकता है। इस ऐप के आने से फर्जी रजिस्ट्रियों से राजस्व मामलों का अम्बार लग जाएगा। कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल के सम्बन्ध में दस्तावेज लेखकों ने मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री को ईमेल के माध्यम से साथ ही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, उप पंजीयक के माध्यम से महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन सौंपने वालों में तहसील अध्यक्ष खुमेश डड़सेना, सचिव गुरदीप सिंह, दिनेश नामदेव, विमल साहू, दयानिधि पटेल, अन्नपूर्णा सिन्हा, सविता निषाद आदि शामिल हैं।