महासमुन्द

आज छेरछेरा तिहार: छत्तीसगढ़ की समाजिक समरसता, समृद्ध दानशीलता की गौरवशाली परम्परा
17-Jan-2022 2:32 PM
आज छेरछेरा तिहार: छत्तीसगढ़ की समाजिक समरसता, समृद्ध दानशीलता की गौरवशाली परम्परा

महासमुंद,17 जनवरी। आज सुबह से बच्चे छेरछेरा दान के  लिए घरों में पहुंच रहे हैं। गांवों में लोग आदि दान कर रहे हैंऔर शहरों में पैसे देकर बच्चों को खुश किया जा रहा है।  मालूम हो कि छत्तीसगढ़ में नयी फसल के घर आने की खुशी में पौष मास की पूर्णिमा को छेरछेरा पुन्नी तिहार मनाया जाता है। इसी दिन मां शाकम्भरी जयंती भी मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भीक्षा मांगी थी, इसलिए लोग धान के साथ साग-भाजी, फल का दान भी करते हैं। यह महादान और फसल उत्सव के रूप मनाया जाने वालात् त्यौहार है। छेरछेरा तिहार हमारी समाजिक समरसता, समृद्ध दानशीलता की गौरवशाली परम्परा का संवाहक है। इस दिन छेरछेरा...माई कोठी के धान ल हेरहेरा बोलते हुए गांव के बच्चे, युवा और महिलाएं खलिहानों-घरों में जाकर धान और भेंट स्वरूप प्राप्त फल इक_ा करते हैं।  
 


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