महासमुन्द

बैंक मैनेजर को गिरफ्तार करने की मांग, घेराव, जांच के आश्वासन पर माने
10-Aug-2021 7:01 PM
बैंक मैनेजर को गिरफ्तार करने की मांग, घेराव, जांच के आश्वासन पर माने

ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक की आत्महत्या मामले में बैंक मैनेजर पर प्रताडऩा का आरोप 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
महासमुंद, 10 अगस्त।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के मैनेजर मिलन कुमार समल कोa गिरफ्तार करने और विभागीय कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा के नेतृत्व में ग्राम डुमरपाली के ग्रामीणों ने बैंक का घेराव कर दिया। इस दौरान पूर्व विधायक सहित ग्रामीण सडक़ पर बैठ गए। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग 353 पौन घंटे तक जाम रहा। इस दौरान दोनों ओर छोटे व बड़े वाहनों की कतार लग गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने ठोस आश्वासन के बाद ही हटने की बात कही।

आखिरकार बैंक ऑफ महाराष्ट्र के जोनल अफसर संजय दास रायपुर से महासमुंद पहुंचे और बैंक मैनेजर मिलन कुमार समल के खिलाफ  निलंबन की कार्रवाई करने के साथ जिस खाते को लेकर आपत्ति है, उसकी जांच कराने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मेघा टेंभुरकर ने भी जल्द ही मैनेजर की गिरफ्तार का आश्वासन दिया, तब ग्रामीणों ने घेराव और चक्काजाम समाप्त कर दिया।

लेकिन ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि आश्वासन के अनुसार यदि 5 दिन के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीण सहित आदिवासी समाज राष्ट्रीय राजामार्ग.53 में चक्काजाम कर बड़ा आंदोलन करेगा। 

इसके बाद ग्रामीणों ने अपनी पांच सूत्रीय मांग संबंधी ज्ञापन पुलिस व जिला प्रशासन को सौंपा और लौट गए। बैंक मैनेजर पर ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक को प्रताडि़त करने का आरोप है। ग्राम डुमरपाली निवासी आल्हा बरिहा बैंक ऑफ महाराष्ट्र का ग्राहक सेवा केंद्र चलाता था। बैंक मैनेजर मिलन कुमार समल की प्रताडऩा से तंग आकर उसने 6 अगस्त को अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा था। लिखा था कि बैंक मैनेजर मिलन कुमार समल की लगातार प्रताडऩा से तंग आकर आत्महत्या जैसे कदम उठा रहा है। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया, लेकिन गिरफ्तार नहीं किया। विभागीय कार्रवाई भी नहीं हुई।

जानकारी अनुसार ग्राम डुमरपाली के ग्रामीणों ने रायपुर रोड स्थिति तिवारी बिल्डिंग से भाजपाइयों के नेतृत्व में रैली निकाली। रैली बैंक पहुंची। करीब आधे घंटे तक नारेबाजी हुई। वाहनों की आवाजाही चल रही थी। 12 बजकर 54 मिनट में बैंक के बाहर नारेबाजी चल रही थी, लेकिन न तो बैंक के अफसर बाहर निकले और न ही पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंचे। इसके बाद गुस्साए भाजपाइयों व ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। चक्काजाम की जानकारी जब पुलिस प्रशासन को हुई तो एसडीओपी नारद सूर्यवंशी आए और लोगों को बैंक ऑफ  महाराष्ट्र के जोनल अधिकारी संजय दास का कहना है कि पहले मामले की जानकारी नहीं थी। सोमवार को पता चला तो सीधे महासमुंद पहुंचे हैं। बैंक मैनेजर भी नहीं आया है। उस पर कार्रवाई की जाएगी और सभी खातों की जांच होगी। एसडीओपी नारद सूर्यवंशी ने बताया कि बैंक मैनेजर के खिलाफ एफआईआर पिथौरा थाने में दर्ज कर ली गई है। आरोपी ओडिशा का निवासी है। ग्रामीणों की मांग पर अन्य धाराएं भी जोड़ी जाएंगी और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

मालूम हो कि आल्हाराम बरिहा ने आत्महत्या करने से पहले पांच पन्ने का सुसाइड नोट लिखा है। लिखा है कि बैंक का मैनेजर मिलन कुमार समल उस पर दबाव डालकर काम कराता था। ग्राहक सेवा केंद्र का आईडी बंद करने की धमकी देता था। मेरे खाते से 50 हजार निकाल मुझ पर लोन चढ़ा दिया। लिहाजा मांग की गई है कि बैंक मैनेजर मिलन कुमार समल को तत्काल गिरफ्तार कर बैंक के वित्तीय लेनदेन से अलग किया जाए, उन पर एस्ट्रोसिटी एक्ट व 420 की धारा लगाई जाए, मृतक के परिवार को भरण पोषण के लिए 50 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति व परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दी जाए। 
 


अन्य पोस्ट