महासमुन्द

जलाशयों में भी पानी नहीं, झुलसने लगे हैं धान के पौधे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 9 अगस्त। जिले में पर्याप्त बारिश नहीं होने से इस बार किसानों को भारी परेशानी हो रही है। अगस्त का दूसरा हफ्ता शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक सही ढंग से बारिश नहीं हुई है। सावन लगते ही 5 दिनों तक लगातार रुक-रुक कर हुई बारिश से किसानों की कुछ उम्मीद जगी थी, लेकिन वर्तमान में बारिश नहीं होने के कारण किसानों की उम्मीदों में पानी फिर गया। जिले में रोपाई का काम पहले से ही पिछड़ गया है। पानी की कमी से खेतों में दरारें दिखाई दे रही हैं और धान के पौधं झुलसकर मरने लगे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार जिले में अब तक केवल 38 फीसदी रोपाई का काम किसान कर पाए हैं, जबकि जिले में 52 हजार हेक्टेयर में रोपाई करना है। वहीं सितंबर व अक्टूबर में जलाशयों से पानी नहीं मिल पाएगा, जिसकी वजह से फसल चौपट हो जाएगी।
इस संबंध में कृषि विभाग के उप संचालक एसआर डोंगरे ने बताया कि बारिश नहीं होने से किसानों का काम प्रभावित हो गया है। पर्याप्त पानी नहीं होने से नलकूप रिचार्ज नहीं हो पा रहा है। जिले के जलाशयों में भी जल भराव की स्थिति काफी खराब है। पिछले साल कोडार जलाशय में अच्छी बारिश होने के कारण 22 फीट तक पानी भर गया था, लेकिन इस साल कोडार जलाशय में केवल 15 फीट पानी ही भर पाया है। यही स्थिति जिले के मध्यम व मिनी जलाशयों की है। जिले के 76 ऐसे मिनी जलाशय हैं जो 0 से 25 प्रतिशत तक ही भर पाए हैं।
इस तरह जलाशयों से सिंचाई के लिए पानी मिलना मुश्किल दिख रहा है। फिर भी ग्राम नवागांव परसदा के ग्रामीणों ने सिंचाई के लिए कोडार से पानी छोडऩे की मांग की है। कृषि विभाग की मानें तो इस बार खरीफ फसल धान का लक्ष्य 2 लाख 40 हजार 260 हेक्टेयर है। दलहन 13.350 व तिलहन 3.540 हेक्टेयर एवं अन्य फसल 1.830 हेक्टेयर है। रोपा का कार्य इस बार 52.120 हेक्टेयर और बोआई 188.140 का लक्ष्य है। अभी तक 158.778 हेक्टेयर में रोपा व बोआई का काम हुआ है।