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स्टेशन-एयरपोर्ट बेचने के बाद केंद्र की नजर किसानों की जमीन पर, विशेष सत्र बुला कानून वापस लें-भूपेश
08-Dec-2020 4:22 PM
स्टेशन-एयरपोर्ट बेचने के बाद केंद्र की नजर किसानों  की जमीन पर, विशेष सत्र बुला कानून वापस लें-भूपेश

 मंत्रियों संग मीडिया से रूबरू हुए सीएम
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 8 दिसंबर। 
किसान आंदोलन के समर्थन में बंद के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को सभी मंत्रियों के साथ मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने एक बार फिर कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। श्री बघेल ने कहा कि रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, पेट्रोलियम कंपनियों को बेचने के बाद सरकार की नजर किसानों की जमीन पर लगी है। उन्होंने केंद्र सरकार से विशेष सत्र बुलाकर तत्काल कानून को वापस लेने की मांग की। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में अभूतपूर्व स्थिति बन गई है। दो सप्ताह से देशभर के किसान दिल्ली घेरकर बैठे हैं। किसान संगठनों की एक  ही मांग है कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। यह कानून पूंजीपतियों के लाभ के लिए बनाया गया कानून है। 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही इन तीनों कानून का विरोध कर रही है। श्री बघेल ने कहा कि हम निजी मंडी के विरोधी नहीं है। मगर सरकार कानून बना दे कि समर्थन मूल्य से कम पर खरीदी नहीं होगी। श्री बघेल ने कहा कि बिना किसी से चर्चा के कानून बना दिया गया है।  उन्होंने कहा कि देश में अनाज की कमी थी तब इंदिराजी के आव्हान पर किसानों ने हरित क्रांति चलाया और आज हाल यह है कि अनाज की कमी नहीं रह गई है। आज अगले तीन साल के लिए अनाज उपलब्ध है। वही अन्नदाता किसान आंदोलन के लिए बाध्य है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून बिहार में पहले से लागू है। जिसका हाल यह है कि वहां 7 सौ रुपये में धान बिक रहे हैं। जबकि कृषि कानून  लागू हो गया, तो पूरे देश का हाल बिहार जैसा हो जाएगा। उन्होंने कहा  कि छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर 94 फीसदी किसानों की उपज की खरीदी की जा रही है। 
मुख्यमंत्री ने सरकार की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में मंदी का असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसी अर्थव्यवस्था को पूरे देश में लागू क्यों नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह कानून किसानों की पसंद नहीं है, तो थोपा क्यों जा रहा है। एक सवाल के जवाब में कहा कि शुरू में निजी मंडी टैक्स कम कर उपज खरीदेंगे। धीरे-धीरे सरकारी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और किसान निजी लोगों के चुंगल में फंस जाएंगे और बिहार जैसा हाल हो जाएगा। 
उन्होंने इसकी तुलना चिटफंड कंपनियों से की और कहा कि छत्तीसगढ़ में जिस तरह  पूर्व सीएम, मंत्री चिटफंड कंपनियों के दफ्तर का उद्घाटन करते थे बाद में कंपनियां निवेशकों का पैसा लेकर भाग गई। छत्तीसगढ़ सरकार ने 16 हजार से अधिक निवेशकों का पैसा लौटाया है। 

यह पूछे जाने पर कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में उक्त कानूनों को लेकर वादा किया था, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने कांग्रेस को नकार दिया ऐसे में घोषणा पत्र का कोई औचित्य नहीं रहता। उन्होंने कहा कि भाजपा ने आरक्षण लागू किया था। पूरा देश जल गया। मगर कांग्रेस ने आरक्षण लागू किया, तो कहीं आंदोलन नहीं हुआ। कांग्रेस के लोग अनुभवी हैं। काम करना आता है। श्री बघेल ने भाजपा को झूठ बोलने की फैक्ट्री करार दिया। पूर्व सीएम रमन सिंह को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि वे भाजपा के भीतर अप्रसांगिक हो चुके हैं। 
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ बंद को अभूतपूर्व समर्थन मिला है। उन्होंने इसके लिए किसान संगठनों, व्यापारियों और सभी समाज के लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। 
 

 


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