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'छत्तीसगढ़' संवाददाता
कोंटा, 24 जून। कल सुकमा जिला के कोंटा ब्लॉक से 72 किमी दूर गांवों में गई मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत स्वास्थ्य टीम को प्रसूता की जानकारी मिली। उसकी हालत को देखते हुए टीम की कुछ सदस्यों ने चारपाई पर 7 किमी लिटाकर पीएचसी किस्टाराम अस्पताल लाया गया, वहीं बाकी टीम ने मलेरिया टेस्ट, टीकाकरण और इलाज किया। अस्पताल में सुरक्षित प्रसव हुआ। दोनों स्वस्थ हैं।
मंगलवार को मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत मरईगुड़ा पीएचसी की स्वास्थ्य टीम 72 किमी बाइक से पलोड़ी पहुंचे, तब वहां गांव वालों ने बताया कि एक महिला को प्रसव पीड़ा हो रही है। घर जाकर देखने पर पता चला कि महिला को तेज प्रसव पीड़ा हो रही थी, उसे अस्पताल ले जाना बहुत जरूरी है। लेकिन वहां पर कोई साधन नहीं होने की वजह से उसे चारपाई पर लिटा कर 7 किमी दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किस्टाराम की तरफ निकले। जहां डॉ. पवन बोक्का भी चारपाई पकड़कर 5 किमी पैदल चले और बाकी टीम निर्मलगुड़ा की ओर चले गए, जहां करिगुंडम, निर्मलगुड़ा और पलोड़ी में घर-घर जा कर मलेरिया टेस्ट, टीकाकरण और इलाज किया गया। किस्टाराम में डॉक्टर व टीम ने सफल प्रसव कराया। जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं।
इस दौरान ग्रामीण सहायक चिकित्सक डॉ. रुद्र वैष्णव समेत किस्टाराम पीएचसी के आयुष चिकित्सक डॉ. मनोज पत्रो, आरएसएच दीनदयाल बंसोड़, आरएचओ बारसे रामबाबू, आरएचओ राजेन्द्र वट्टी, एएनएम वी रावम्मा, एएनएम सोढ़ी लक्ष्मीलता का सहयोग रहा। इसकी जानकारी मिलने पर जिपं अध्यक्ष हरीश लखमा ने डॉ. वैष्णव और उनकी पूरी टीम के प्रयासों को सराहा।