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पीएम रिपोर्ट में कहा गया- मौत पानी में डूबने से पहले हो चुकी थी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 नवंबर। गुरुघासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र अर्सलान अंसारी की संदिग्ध हालातों में मौत के 26 दिन बाद कोनी पुलिस ने आखिरकार सुरक्षा अधिकारी, वार्डन और अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। अदालत के आदेश व छात्रों के लगातार आंदोलनों के दबाव के बाद पुलिस ने धारा 106(1) और 3(5) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया।
23 अक्टूबर को बिहार के कादिरपुर निवासी अर्सलान अंसारी का शव विवि परिसर स्थित बांधा तालाब में मिला था। शुरू में पुलिस ने इसे हादसा मानकर मर्ग कायम किया था।
लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। अर्सलान की मौत पानी में डूबने से पहले ही सिर के पिछले हिस्से में गंभीर चोट लगने से हुई थी। डायटम टेस्ट भी नेगेटिव आया, यानी डूबने के दौरान उसके फेफड़ों में पानी गया ही नहीं। इससे साफ हुआ कि यह सामान्य दुर्घटना नहीं है।
इधर पुलिस जांच में पाया गया कि जिस तालाब में शव मिला, वह गहरा और फिसलन भरा था। वहां वर्जित क्षेत्र का बोर्ड तक नहीं लगा था और सुरक्षा बाड़ा भी नहीं था।
इस तरह से छात्र सुरक्षा को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन की भारी लापरवाही सामने आई है। जांच में यह भी पाया गया कि सुरक्षा अधिकारी, वार्डन और अन्य ने अपने कर्तव्यों का पालन सही तरीके से नहीं किया। अर्सलान की मौत के बाद विवि छात्रों ने बार-बार आंदोलन किया और हत्या की आशंका जताई। परिवार ने भी साफ कहा था कि यह हादसा नहीं, हत्या है। लगातार दबाव और पूरी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद अंततः पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी पड़ी है।
मालूम हो कि 21 अक्टूबर की शाम अर्सलान दोस्त से वीडियो कॉल पर बात करते हुए विवेकानंद हॉस्टल से निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा। 23 अक्टूबर को उसका शव तालाब में मिला।


