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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 15 नवंबर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने माना है कि मेडिकल कॉलेजों में सीट निर्धारण राज्य सरकार ने पूरी तरह नियमों के अनुसार किया है। कोर्ट ने नया रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च की याचिका को खारिज कर दिया।
रावतपुरा यूनिवर्सिटी ने कोर्ट में शिकायत की थी कि सरकार ने सभी 15 एनआरआई सीटों को मैनेजमेंट कोटा घोषित कर दिया, जबकि इसके लिए न तो सुनवाई का मौका दिया गया और न ही नियमों का पालन किया गया। कॉलेज का कहना था कि यह फैसला पूरी तरह मनमाना है।
कॉलेज ने 2025-26 सत्र के लिए नीट- यूजी प्रक्रिया में शामिल होने और बची सीटों के लिए अलग काउंसलिंग की मांग की थी। नेशनल मेडिकल काउंसिल ने सशर्त मंजूरी देते हुए सिर्फ 100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति दी थी।
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद कॉलेज को पहली बार 9 अक्टूबर को मॉप-अप राउंड में शामिल किया गया, जिसमें 43 सरकारी, 42 मैनेजमेंट और 15 एनआरआई सीटें आवंटित की गईं।
राज्य शासन ने कोर्ट में बताया कि नियमों के मुताबिक एनआरआई सीटों पर दाखिले की अंतिम तिथि 10 नवंबर 2025 थी।
इस तारीख तक एनआरआई कोटे में प्रवेश नहीं हो पाया, इसलिए खाली सीटों को ओपन कैटेगरी में ले जाना था, जिसे प्रचलन में मैनेजमेंट कोटे के रूप में लागू किया गया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने माना कि सरकार ने नियमों के मुताबिक कदम उठाया है और एनआरआई सीटों को मैनेजमेंट कोटे में बदलना गलत नहीं है।


