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रायपुर, 9 नवंबर। कर्जदारों के लिए आंतक का पर्याय रहा हिस्ट्रीशीटर सूदखोर वीरेंद्र तोमर आज कानून को बाप कहते हुए सड़क पर पैदल चलता रहा। उसके हर लड़खड़ाते कदम उसे अपने किए की याद दिलाते रहे। वह नारा लगाते रहा कि गुंडागर्दी पाप है कानून हमारा बाप है। उसे दर्जनभर से अधिक पुलिस अफसर हवलदार सिपाही घेरकर चल रहे थे।
सूदखोरी के नाजायज तरीके से कमाए, लूटे छीने पैसे से कभी कोहनी तक सोने से लदा रहने वाला वीरेंद्र तोमर उर्फ रूबी, आज राजधानी की सड़कों पर फटी बनियान, स्टाइलिश की जगह लंबी दाढ़ी के साथ बेबस नजर आ रहा था। सड़क पर छोटे छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग उसे तमाशे की तरह देख रहे थे। वह भी अपनी हालत को लोगों को लेकर लोगों के नजरों में आए बदलाव को महसूस कर रहा था। एक बारगी तो वह लंगड़ाते लंगड़ाते सड़क पर बेहोश होकर गिर पड़ा । राहगीर,इसे बेहोशी नहीं उसका पैंतरा मान बता रहे थे।
बेहोश पति को देख पत्नी कहती रही मार डालो मेरे पति को, और कितना मारोगे, उसने ऐसा कौन सा बड़ा अपराध कर दिया है। रूबी तोमर का अपराध , उन बेबस कर्जदारों से पूछा जाए जिनकी गिरवी में रखी जमा पूंजी, जमीनें उसके छीनी थी।
रूबी पर इन मामलों को लेकर डेढ़ दर्जन मामले तेलीबांधा, डीडी नगर, पुरानी बस्ती थानों में दर्ज हैं। इस अवैध कारोबार में पति की हिस्सेदार रही पत्नी भी गिरफ्तार होकर जमानत पर रिहा हुई है।


