ताजा खबर

बीजापुर में 51 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण
29-Oct-2025 5:56 PM
बीजापुर में 51 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

बीजापुर, 29 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 51 माओवादियों ने बुधवार को सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति और शांति, संवाद एवं विकास पर केंद्रित निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप आज 51 माओवादियों ने हिंसा का मार्ग त्याग कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।

उन्होंने बताया कि ‘पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन’ योजना के अंतर्गत मुख्यधारा में लौटने वाले इन माओवादियों में नौ महिला और 42 पुरुष हैं, जिन पर कुल 66 लाख रुपए का इनाम घोषित था।

अधिकारियों ने इन 51 माओवादियों में ‘पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए)’ बटालियन नंबर एक और कंपनी नंबर एक, दो और पांच के पांच सदस्य, एक एरिया कमेटी सदस्य (एसीएम), सात प्लाटून और एरिया कमेटी पार्टी सदस्य, तीन एलओएस सदस्य, एक मिलिशिया प्लाटून कमांडर और 14 मिलिशिया प्लाटून सदस्य शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि माओवादियों ने हिंसक और जनविरोधी विचारधारा को त्यागकर शांति एवं प्रगति के मार्ग को अपनाया है।

अधिकारियों ने बताया कि आज आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में माड़ संभाग में कंपनी नंबर के सदस्य बुधराम पोटाम उर्फ रंजीत (25), बटालियन नंबर एक की पार्टी सदस्य मनकी कोवासी (24), कंपनी नंबर दो की पार्टी सदस्य हुंगी सोढ़ी (27), कंपनी नंबर दो का पार्टी सदस्य रवीन्द्र पुनेम उर्फ आयतू (25) और पीएलजीए सदस्या देवे करटाम (25) के सर पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम है।

उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी मंगू ओयाम उर्फ लालू (27) के सर पर पांच लाख रुपये का इनाम है।

अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा सात माओवादियों पर दो-दो लाख रुपये और सात माओवादियों के सर पर एक-एक लाख रुपये का इनाम है।

उन्होंने बताया कि 2025 में बीजापुर जिले में 461 माओवादी मुख्यधारा में लौट आये हैं जबकि सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 138 माओवादी मारे गये तथा 485 माओवादी गिरफ्तार किये गये।

अधिकारियों ने बताया कि 2024 से अब तक बीजापुर जिले में 650 माओवादी मुख्यधारा में लौटे हैं जबकि जिले में सुरक्षाबलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ में 196 माओवादी मारे गये तथा 986 माओवादियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है।

उन्होंने बताया कि इन 51 माओवादियों के समाज में पुनर्वास और पुनर्समावेशन के लिए आवश्यक विधिक प्रक्रिया जारी है।

अधिकारियों का कहना है कि मुख्यधारा में लौटे सभी नक्सलियों ने संविधान पर आस्था व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सम्मानजनक जीवन जीने का संकल्प लिया है। राज्य शासन द्वारा इन्हें पुनर्वास प्रोत्साहन के स्वरूप 50 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस पुनर्वास की प्रक्रिया में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाईटर, एसटीएफ और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का विशेष योगदान रहा।

बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर जितेंद्र कुमार यादव ने कहा है कि सरकार की पुनर्वास नीति माओवादियों को आकर्षित कर रही है तथा मुख्यधारा में लौटने वाले माओवादियों के परिजन भी चाहते हैं कि वे सामान्य जीवन जिएं और समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें।'

यादव ने माओवादियों से अपील की है कि वे भ्रामक विचारधाराओं को त्यागें और निर्भय होकर समाज की मुख्यधारा में लौटें, जिससे क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास स्थापित हो सके।

उन्होंने कहा, ''पूना मारगेम-पुनर्वास से पुनर्जीवन' योजना के अंतर्गत 51 माओवादियों का मुख्यधारा में लौटना बीजापुर जिले में बदलते सामाजिक परिवेश और जन विश्वास का प्रतीक है — जो यह दर्शाता है कि संवाद, पुनर्वास और विकास का मार्ग ही स्थायी शांति का मार्ग है।

छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में नक्सलियों का आत्मसमर्पण जारी है। इससे पहले रविवार को राज्य के कांकेर जिले में 21 माओवादियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था जबकि 17 अक्टूबर को जगदलपुर में 153 हथियारों के साथ 210 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। राज्य में दो अक्टूबर को बस्तर क्षेत्र के बीजापुर जिले में 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें से 49 पर कुल 1.06 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम था।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि केंद्र सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सल समस्या की समाप्ति का संकल्प लिया है। उन्होंने हाल में अपने बस्तर प्रवास के दौरान नक्सलियों से हथियार छोड़ने की अपील की थी। (भाषा)


अन्य पोस्ट