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आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की ओर से वक़्फ़ बोर्ड बिल पर दिए गए बयान पर राष्ट्रीय लोकदल ने प्रतिक्रिया दी है.
आरएलडी के मलूक नागर ने इस पर बयान जारी करते हुए कहा , ‘’तेजस्वी यादव इसे शायद जुमला समझकर कह रहे हैं. उन्होंने इस बिल का अध्ययन नहीं किया है. वक़्फ़ बिल कमज़ोर, ग़रीब और दबे-कुचले मुसलमानों के हक़ में है. दूसरी बात ये है कि तेजस्वी यादव खुद बिहार के डिप्टी सीएम रहे हैं. उनके माता-पिता दोनों मुख्यमंत्री रहे हैं. अगर वो लोकतंत्र के मंदिर यानी संसद से पास बिल के बारे में ऐसा कह सकते हैं इसका मतलब है कि वे संविधान का सम्मान नहीं करते.’’
तेजस्वी यादव ने बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में कहा था कि अगर महागठबंधन जीता तो वक़्फ़ बिल को कूड़ेदान में डाल देंगे.
वक़्फ़ कोई भी चल या अचल संपत्ति होती है, जिसे कोई भी व्यक्ति जो इस्लाम को मानता है अल्लाह के नाम पर या धार्मिक मक़सद या परोपकार के मक़सद से दान करता है.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की तरफ़ से जारी आंकड़ों के मुताबिक़, वक़्फ़ बोर्ड के पास अभी पूरे भारत में लगभग 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जो करीब 9.4 लाख एकड़ ज़मीन में फैली हुई हैं. इनकी कुल कीमत लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये बताई जाती है. (bbc.com/hindi)


