ताजा खबर
निर्वाचन आयोग की ओर से एसआईआर के दूसरे फेज़ के एलान पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि अगर किसी भी योग्य मतदाता का नाम सूची से हटाया गया तो टीएमसी लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करेगी.
कुणाल घोष ने कहा, "हम एक पारदर्शी वोटर लिस्ट के पक्ष में हैं. लेकिन, अगर किसी वैध मतदाता या नागरिक का नाम काटने की कोशिश की गई, तो हम लोग उनके साथ हैं. अगर वैध मतदाता या नागरिक को परेशान करने का कोई इरादा है तो प्रदर्शन होंगे."
उन्होंने कहा, "अगर किसी का नाम हटाने की कोशिश हुई तो लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन होगा. दिल्ली में निर्वाचन आयोग का घेराव होगा."
आयोग ने क्या कहा
निर्वाचन आयोग ने सोमवार को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर का एलान किया. इनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
एसआईआर के एलान के वक्त मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में किसी भी तरह का गतिरोध नहीं है.
उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल में कोई भी गतिरोध नहीं है. संविधान के अंतर्गत सभी संवैधानिक संस्थाएं अपने-अपने दायित्व का पालन करती हैं. निर्वाचन आयोग एसआईआर करते हुए अपने दायित्व का पालन कर रहा है. और इसी तरह से राज्य की सरकारें भी अपने दायित्व का पालन करेंगी."
पश्चिम बंगाल को लेकर दोबारा सवाल पूछे जाने पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, "संविधान के अनुच्छेद 324 के सब-क्लाज़ 6 के तहत मतदाता सूची तैयार करने के लिए या मतदान कराने के लिए जिन भी चुनावी कर्मियों की आवश्यकता चुनाव आयोग को होगी, वो मुहैया कराकर डेप्युटेशन पर देने के लिए राज्य सरकार बाध्य है."
ज्ञानेश कुमार ने कहा, "इसी तरीक़े से क़ानून व्यवस्था राज्य सरकार की संवैधानिक ज़िम्मेदारी है. और मुझे इसमें कोई भी संकोच नहीं है कि हर राज्य सरकारें चुनाव आयोग की तरह ही अपने पूरे संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करेंगी और करती रही हैं." (bbc.com/hindi)


