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काठमांडू, 12 सितंबर। नेपाल की प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष देवराज घिमिरे और ऊपरी सदन ‘राष्ट्रीय सभा’ के अध्यक्ष नारायण दाहाल ने शुक्रवार को आह्वान किया कि मौजूदा राजनीतिक गतिरोध को संविधान के दायरे में रह कर सुलझाया जाना चाहिए। मीडिया में आई खबरों से यह जानकारी मिली।
घिमिरे और दाहाल का संयुक्त बयान ऐसे दिन आया है जब राष्ट्रपति कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते मंगलवार को प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के पद से हटने के बाद अंतरिम सरकार का नेतृत्व कौन करेगा।
संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल लोगों की संप्रभुता, नागरिक स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता, राष्ट्रीय एकता और स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए स्थिति से निपटने के लिए पहल कर रहे हैं।’’
‘काठमांडू पोस्ट’ अखबार ने कहा कि बयान में इस बात पर जोर दिया गया है कि ‘‘कानून के शासन और संविधान की भावना को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।’’
घिमिरे और दाहाल के बीच बैठक के बाद जारी बयान में सभी पक्षों से प्रदर्शनकारियों की मांगों पर ध्यान देने और अधिक मजबूत, समृद्ध लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया गया।
नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध के खिलाफ हाल में हुए ‘जेन जेड’ प्रदर्शन में एक भारतीय नागरिक सहित कम से कम 51 लोगों की मौत हुई है।
वर्ष 1997 से लेकर 2012 तक के बीच जन्में युवाओं को आम तौर पर ‘जेन जेड’ पीढ़ी के नाम से जाना जाता है। (भाषा)