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चेन्नई, 12 सितंबर। यहां की एक विशेष एनआईए अदालत ने एक नोटिस जारी करके पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी आमिर जुबैर सिद्दीकी को 15 अक्टूबर को एक आतंकी साजिश के मामले में आरोपों का जवाब देने के लिए अदालत में पेश होने को कहा है। सिद्दीकी वर्षों पहले कोलंबो स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में वीजा परामर्शदाता के रूप में कार्यरत था।
सिद्दीकी चेन्नई स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास और बेंगलुरु स्थित इजराइली वाणिज्य दूतावास पर बम विस्फोट के जरिये आतंकी हमला करने की साजिश से जुड़े यूएपीए मामले में भगोड़ा है।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत की दो सितंबर 2025 की अधिसूचना के अनुसार, वह श्रीलंका में पाकिस्तानी उच्चायोग में (इस मामले से संबंधित प्रासंगिक समय पर) ‘वीजा परामर्शदाता’ थे। यह अधिसूचना बृहस्पतिवार को प्रकाशित की गई थी।
नोटिस के अनुसार उस पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यूएपीए के तहत आपराधिक साजिश, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने और जाली या नकली मुद्रा को असली के रूप में इस्तेमाल करने जैसे अपराधों को अंजाम देने के आरोप हैं।
वह गिरफ्तारी से बचता रहा और भूमिगत हो गया है। पूनमल्ली स्थित एनआईए अदालत ने पाकिस्तानी राजनयिक को 15 अक्टूबर, 2025 को सुबह 10:30 बजे अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है।
इस संबंध में मामला 28 अप्रैल, 2014 को तमिलनाडु पुलिस की चेन्नई स्थित सीआईडी की क्यू शाखा द्वारा दर्ज किया गया था।
इससे पहले चेन्नई में श्रीलंकाई नागरिक मोहम्मद साकिर हुसैन (आरोपी-एक) को गिरफ्तार किया गया था जो भारत में विध्वंसक गतिविधियों को संचालित करने के लिए आरोपी आमिर जुबैर सिद्दीकी (आरोपी-दो) के निर्देशों के अनुसार भारत आया था।
21 जून, 2014 को एनआईए ने मामला अपने हाथ में लिया और 23 अक्टूबर, 2014 को आरोपी मोहम्मद साकिर हुसैन , मोहम्मद सलीम (ओरोपी-पांच) और शिवबालन (आरोपी-छह) के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया।
पहले आरोपी मोहम्मद साकिर हुसैन ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और उसे दोषी करार देते हुए पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई।
एनआईए ने वर्ष 2018 में चेन्नई के पूनमल्ली स्थित एनआईए मामलों की विशेष अदालत के समक्ष आमिर जुबैर सिद्दीकी (वर्ष 2018 में उम्र 51 साल थी) के खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दायर किया और इस आरोपपत्र के अनुसार वह एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी था।
पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी के अलावा, जो उस समय श्रीलंका के कोलंबो स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में वीजा सलाहकार के रूप में कार्यरत था, चेन्नई के दो निवासियों के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया गया था।
जांच एजेंसी के अनुसार, ये दोनों आरोपी बालासुब्रमण्यम उर्फ बालन (आरोपी-चार) और नूरुद्दीन रफी उर्फ इस्माइल (आरोपी-सात) थे और उन्होंने नकली नोटों का प्रसार करके देश की आर्थिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाया।(भाषा)