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हाईकोर्ट ने राहत दी, कहा- मेधावी को शिक्षा से वंचित करना अन्याय होगा
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 12 सितंबर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 12 वर्षीय छात्र अनुकल्प गुप्ता को नवोदय विद्यालय मल्हार में कक्षा 6वीं (सत्र 2025-26) में तुरंत दाखिला देने का आदेश दिया है। विद्यालय प्रबंधन ने छात्र का प्रवेश इस आधार पर निरस्त कर दिया था कि उसने शहरी क्षेत्र के स्कूल से पढ़ाई की है। जबकि हकीकत यह थी कि अनुकल्प ने सेजेज, मरवाही स्थित स्कूल से तीसरी से पांचवीं तक की पढ़ाई की थी, जो उस समय ग्रामीण क्षेत्र में शामिल था। बाद में राज्य सरकार की अधिसूचना से स्कूल का दर्जा शहरी क्षेत्र में कर दिया गया।
जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की बेंच ने कहा कि तकनीकी कारणों से किसी मेधावी छात्र को शिक्षा से वंचित करना अन्याय होगा। बच्चे ने ग्रामीण कोटे की सभी शर्तें पूरी की हैं और उसका नाम चयन सूची में भी था। सिर्फ स्कूल का दर्जा बदलने से उसके अधिकार प्रभावित नहीं किए जा सकते।
अनुकल्प ने अपने पिता अजय कुमार गुप्ता के जरिए याचिका दायर की थी। उनका तर्क था कि स्कूल और घर दोनों पहले की तरह वहीं हैं, सिर्फ प्रशासनिक श्रेणी बदली गई है। ऐसे में प्रवेश से इनकार करना शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने बच्चे के पक्ष में फैसला सुनाते हुए प्रवेश सुनिश्चित करने का आदेश दिया।