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नयी दिल्ली, 10 सितंबर। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह अभिनेता अभिषेक बच्चन की उस याचिका पर आदेश पारित करेगा, जिसमें उनके प्रचार और व्यक्तित्व के अधिकारों की रक्षा करने तथा वेबसाइट और विभिन्न मंचों को उनकी तस्वीर, उनसे मिलती-जुलती सामग्री, व्यक्तित्व एवं फर्जी वीडियो का इस्तेमाल करने से रोकने का अनुरोध किया गया।
न्यायमूर्ति तेजस करिया ने बच्चन के वकील द्वारा उन प्रतिवादियों के संबंध में प्रस्तुत नोट को रिकॉर्ड में लिया, जिनके खिलाफ कार्रवाई के लिए उन्होंने अदालत का रुख किया। अदालत ने कहा, "हम एक आदेश पारित करेंगे।"
नौ सितंबर को, अदालत ने अभिषेक बच्चन की पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन की इसी तरह की याचिका पर भी सुनवाई की, जिन्होंने अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा करने और ऑनलाइन मंचों को उनके नाम, तस्वीरों और एआई-जनित अश्लील सामग्री का अवैध रूप से इस्तेमाल करने से रोकने का अनुरोध किया।
अदालत ने कहा कि वह राय की याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करेगी, जिसमें प्रतिवादी वेबसाइट और प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वर्ष 2023 में, दंपति की बेटी आराध्या बच्चन ने भी अपने स्वास्थ्य पर भ्रामक सामग्री को रोकने और हटाने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
अभिषेक बच्चन का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता प्रवीण आनंद ने कहा कि प्रतिवादी अभिनेता के कृत्रिम मेधा (एआई) से वीडियो बना रहे हैं और उनके द्वारा हस्ताक्षरित फर्जी तस्वीरें तथा अश्लील सामग्री भी बना रहे हैं।
बच्चन की ओर से अधिवक्ता अमित नाइक, मधु गडोदिया और ध्रुव आनंद भी पेश हुए।
सुनवाई के दौरान बच्चन के वकील ने कहा कि वह विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त अभिनेता हैं और उन्होंने अपार सद्भावना, सम्मान और विश्वसनीयता अर्जित की है।
आनंद ने कहा, "मैंने उनकी फिल्मों का विवरण दिया है। उन्हें 57 पुरस्कार मिले हैं, जिनमें से 9 फिल्मफेयर पुरस्कार हैं। वह प्रमुख खेल आयोजनों में भी सक्रिय हैं और कबड्डी तथा फुटबॉल के लिए इंडियन सुपर लीग का प्रचार करते हैं।"
उन्होंने कहा कि बच्चन जिन अधिकारों का दावा कर रहे हैं, उनमें प्रचार और व्यक्तित्व अधिकार, कॉपीराइट और कानूनी अधिकार शामिल हैं।
वकील ने दलील दी कि कई अज्ञात पक्षों सहित प्रतिवादी एआई और ‘डीपफेक’ प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर वादी के अश्लील वीडियो और तस्वीरें बना रहे हैं।
वकील ने कहा कि ये तस्वीरें या वीडियो बच्चन द्वारा अधिकृत नहीं हैं और प्रतिवादी अवैध व्यापार में भी संलिप्त हैं, जिसमें पोस्टर बनाना और हस्ताक्षरित तस्वीरें बेचना शामिल है, जिसमें दावा किया जाता है कि उन पर अभिनेता के हस्ताक्षर हैं।
अदालत ने कहा, "दूसरी समस्या यह भी है कि यूआरएल को आदेश का हिस्सा बनाना, क्योंकि आदेश सार्वजनिक हो जाता है और एक बार यूआरएल सार्वजनिक हो जाने पर व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा करने के बजाय यह व्यक्ति के अधिकार को और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है।"
वकील ने जवाब दिया, "चूंकि वे तुरंत कार्रवाई करेंगे, इसलिए वेबसाइट भी ब्लॉक कर दी जाएंगी।"
उच्च न्यायालय ने बच्चन का मामला सात नवंबर को अदालत के संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष और आगे की कार्यवाही के लिए 15 जनवरी, 2026 को अदालत में सूचीबद्ध किया है। राय की याचिका भी उन्हीं तारीखों पर सूचीबद्ध है। (भाषा)