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हाईकोर्ट ने रायपुर में पुलिस क्वार्टर्स की जर्जर स्थिति पर स्वत: संज्ञान लिया, राज्य से मांगा हलफनामा
10-Sep-2025 4:36 PM
हाईकोर्ट ने रायपुर में पुलिस क्वार्टर्स की जर्जर स्थिति पर स्वत: संज्ञान लिया, राज्य से मांगा हलफनामा

'छत्तीसगढ़' संवाददाता 
बिलासपुर, 10 सितंबर। 
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रायपुर के अमानाका क्षेत्र में स्थित पुलिस क्वार्टर्स की जर्जर स्थिति को उजागर करने वाली एक समाचार रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है। एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित इस रिपोर्ट में बताया गया था कि 34 साल पुराने 24 पुलिस क्वार्टर्स की हालत इतनी खराब है कि सीढ़ियां टूट चुकी हैं और कई मकान खंभों के सहारे टिके हैं। इसके बावजूद, लगभग 20 परिवार इन क्वार्टर्स में भगवान भरोसे रहने को मजबूर हैं।

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को निर्धारित की है।

रिपोर्ट के अनुसार, नगर निगम ने इन क्वार्टर्स को जर्जर घोषित कर दिया है, लेकिन इन्हें न तो खाली किया गया है, न ही ध्वस्त किया गया है, और न ही नया निर्माण शुरू हुआ है। कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल के लिए मकानों का निर्माण भी पिछले छह वर्षों से रुका हुआ है। इसके अलावा, जर्जर मकानों के सुधार के लिए 10 करोड़ रुपये और नए मकानों के लिए 400 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

हाईकोर्ट ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि यह मामला पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों की सुरक्षा से जुड़ा है। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने और उचित कदम उठाने की अपेक्षा की है।


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