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विप्रो कंज्यूमर केयर को भरोसा, जल्द ‘लाइफबॉय’ को पीछे छोड़ देगा उसका ‘संतूर’ ब्रांड
07-Sep-2025 11:08 AM
विप्रो कंज्यूमर केयर को भरोसा, जल्द ‘लाइफबॉय’ को पीछे छोड़ देगा उसका ‘संतूर’ ब्रांड

बेंगलुरु, 7 सितंबर। अरबपति उद्योगपति अजीम प्रेमजी प्रवर्तित विप्रो कंज्यूमर केयर एंड लाइटिंग को पूरा भरोसा है कि उसका ब्रांड ‘संतूर’ अगले एक साल में साबुन और पर्सनल केयर खंड में प्रतिद्वंद्वी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर के ‘लाइफबॉय’ ब्रांड को पीछे छोड़ देगा। अभी लाइफबॉय ब्रांड शीर्ष पर है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

संतूर अब 2,700 करोड़ रुपये से अधिक का ब्रांड बन चुका है। यह लिक्विड हैंड वॉश और बॉडी लोशन व बॉडी वॉश जैसी कुछ अन्य संबंधित श्रेणियों में भी अपनी जगह बना चुका है।

संतूर ब्रांड और इसकी संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर विप्रो कंज्यूमर केयर एंड लाइटिंग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनीत अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमें अभी नहीं पता कि हम नंबर एक हैं या नहीं और लाइफबॉय का आकार क्या है, लेकिन यह समय की बात है कि हम पहले नंबर पर होंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने कुछ साल पहले ही लक्स (एचयूएल का एक और साबुन ब्रांड) को पछाड़ दिया है और मुझे विश्वास है कि हम अब से शायद एक साल बाद लाइफबॉय को भी पछाड़ देंगे।’’ मीडिया खबरों के अनुसार, स्वच्छता श्रेणी में काम करने वाली लाइफबॉय का कारोबार भी 2,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा का है। संतूर की तरह, लाइफबॉय भी अब हैंडवॉश जैसी अन्य श्रेणियों में भी अपनी सेवाएं दे रही है।

इस मुद्दे पर एचयूएल को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला था।

विप्रो ने बाज़ार की चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2024-25 में पूरे साल के दौरान 7.5 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की है।

कंपनी ने कई अधिग्रहणों के साथ पर्सनल केयर से लेकर खाद्य तक रोजमर्रा के उपभोग के सामान (एफएमसीजी) खंड में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारे द्वारा किए गए ज्यादातर अधिग्रहण हमारे लिए अच्छे रहे हैं। उदाहरण के लिए चंद्रिका, जिसका हमने 2004 में अधिग्रहण किया था, केरल में एक छोटा ब्रांड था। इसने अच्छी वृद्धि की है। भारत में यार्डली, जब हमने 2009 में इसका अधिग्रहण किया था, तब इसकी कीमत सिर्फ 18 करोड़ रुपये थी। और अब यह 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का ब्रांड है।’’

इसी तरह, उन्ज़ा जिसे 2007 में विप्रो ने अधिग्रहीत किया था, दक्षिण पूर्व एशिया में पांच गुना बढ़ गया है।

कैनवे, जिसका 2020 में दक्षिण अफ्रीका में अधिग्रहण हुआ है, पांच साल में इसका आकार दो करोड़ अमेरिकी डॉलर से पांच करोड़ डॉलर हो गया है।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है क्योंकि, मुझे लगता है... जब हमने इसे खरीदा था तब हमारे पास एक अच्छी प्रबंधन क्षमता थी। और इन ब्रांड में हमने जो भी कदम उठाए, सौभाग्य से वे हमारे लिए कारगर रहे।’’

अजीम प्रेमजी के नेतृत्व वाली विप्रो एंटरप्राइजेज की इकाई, विप्रो कंज्यूमर केयर एंड लाइटिंग का कारोबार 10,600 करोड़ रुपये का है। (भाषा)


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