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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 5 सितंबर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स के एडमिशन 2025 में 100 प्रतिशत लोकल रिजर्वेशन को लेकर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। मामला डॉक्टर समृद्धि दुबे की याचिका का है, जिन्होंने इस नियम को चुनौती दी है।
डॉ. समृद्धि दुबे ने 2018 में नेशनल लेवल की परीक्षा पास कर दूसरे राज्य के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे बिलासपुर लौटीं और छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराया। आगे पढ़ाई के लिए उन्होंने 3 अगस्त 2025 को नेशनल लेवल पर हुई पीजी मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा दी। लेकिन एडमिशन के वक्त उन्हें पता चला कि छत्तीसगढ़ मेडिकल पीजी एडमिशन रूल्स 2021 के नियम 11 (ए) और 11 (बी) के अनुसार, पहले राज्य के मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले स्टूडेंट्स को प्राथमिकता दी जाएगी। अगर सीट बचती है तो उसके बाद ही छत्तीसगढ़ निवासी स्टूडेंट्स को मौका मिलेगा, जिन्होंने बाहर से एमबीबीएस किया है।
इस नियम को चुनौती देते हुए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 4 सितंबर को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। डॉ. समृद्धि की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव, एडवोकेट संदीप दुबे, मानस बाजपेयी और ज्योति चंद्रवंशी ने पक्ष रखा। उनका कहना था कि राज्य सरकार का यह नियम संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन है।
सुनवाई के दौरान एडवोकेट संदीप दुबे ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मार्च 2025 में डॉ. तन्वी बेहल बनाम श्रेय गोयल केस में 100 प्रतिशत लोकल रिजर्वेशन को असंवैधानिक करार दिया था और कहा था कि केवल कुछ प्रतिशत सीटों पर ही लोकल रिजर्वेशन दिया जा सकता है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव, एडवोकेट संदीप दुबे, मानस बाजपेयी और ज्योति चंद्रवंशी ने तथा राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट शशांक ठाकुर ने पक्ष रखा।