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सड़कों की बदहाली पर हाईकोर्ट ने जताई नाराज़गी, दो हफ़्ते में फोटो सहित रिपोर्ट पेश करने का आदेश
05-Sep-2025 11:48 AM
सड़कों की बदहाली पर हाईकोर्ट ने जताई नाराज़गी, दो हफ़्ते में फोटो सहित रिपोर्ट पेश करने का आदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 5 सितंबर। प्रदेश की जर्जर सड़कों को लेकर हाईकोर्ट ने एक बार फिर नाराज़गी जताई है। चीफ़ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान साफ कहा कि, “क्या सड़कें बनाने का काम अब हम करेंगे? क्या स्टडी पूरी करने में दो-तीन जन्म लगेंगे?”

हाईकोर्ट ने रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे से लेकर शहर की मुख्य सड़कों तक पड़े गड्ढों और ब्लैक स्पॉट्स पर गंभीर सवाल उठाए। कोर्ट ने शासन से पूछा कि, “सिर्फ पेचिंग कर देने से क्या दरारें दोबारा नहीं पड़ेंगी? सुधार का असर ज़मीन पर क्यों नहीं दिखता?”

शासन की ओर से पेश जवाब में बताया गया कि रतनपुर-सेंदरी मार्ग का काम पूरा हो चुका है, जबकि रायपुर रोड का लगभग 70 प्रतिशत कार्य संपन्न हो गया है और शेष 10 से 15 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। शासन ने तर्क दिया कि सड़क सुधार को लेकर स्टडी कराई जा रही है और उसी आधार पर काम आगे बढ़ेगा। इस पर कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि, “मॉडर्न इंडिया आज भी कॉपी-किताब और पेन पर अटका है, क्या यही हालात रहेंगे?”

कोर्ट ने लोकनिर्माण विभाग, एनएचएआई, एसईसीएल और एनटीपीसी जैसे बड़े संस्थानों को भी जवाबदेह ठहराया और कहा कि सुधार केवल कागज़ों पर नहीं बल्कि ज़मीन पर दिखना चाहिए। पहले हुई सुनवाई में भी हाईकोर्ट ने साफ किया था कि सड़क मरम्मत में अब कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी।

इस मामले में सुनील उपाध्याय और के राजू ने जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने भी स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि सड़कों की हालत इतनी ख़राब है कि लोग चलते-चलते गिर जाते हैं और हादसों में जान गंवा रहे हैं।

अब हाईकोर्ट ने शासन को दो सप्ताह के भीतर फोटो सहित विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।


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