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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 5 सितंबर। बस्तर अंचल के दंतेवाड़ा और आसपास के इलाक़ों में बच्चों की जान रोज़ दांव पर लगी रहती है। टूटी पुलिया और उफनती नदी पार करके स्कूली बच्चे पढ़ाई के लिए निकलते हैं। इस चिंताजनक स्थिति पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
चीफ़ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस विभू दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने सुनवाई में कहा कि यह मामला सीधे-सीधे बच्चों की ज़िंदगी से जुड़ा है और लंबे समय तक ऐसी हालात को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। बच्चों की जान को जोखिम में डालना किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है।
राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने जानकारी दी कि बड़े पुल निर्माण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। तकनीकी आपत्तियों का समाधान कर संशोधित डीपीआर 20 अगस्त को गृह मंत्रालय को भेजा गया है।
यह मामला तब सामने आया जब मीडिया रिपोर्ट और वायरल तस्वीरों में बच्चों को पानी से भरी नदी पार कर स्कूल जाते देखा गया। तस्वीरें और वीडियो देखकर कोर्ट ने इसे गंभीर मानते हुए स्वतः संज्ञान लिया।
हाईकोर्ट ने सरकार को कड़े निर्देश दिए हैं और कहा है कि अब ढिलाई नहीं चलेगी। मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।