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बायो-मेडिकल कचरा सुविधा में पर्यावरण मंजूरी में देरी पर जताई चिंता
बिलासपुर, 4 सितंबर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए), कोरबा शाखा की एक याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका एक निजी कंपनी को दिए गए बायो-मेडिकल कचरा प्रबंधन के टेंडर को चुनौती देने के लिए दायर की गई थी। कोर्ट ने कहा कि आईएमए टेंडर स्वीकृति समिति का हिस्सा था, इसलिए उसे इसकी वैधता पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है।
आईएमए ने अपनी याचिका में कहा था कि टेंडर में देरी हुई और इसे रद्द कर नया टेंडर जारी किया जाए। कोर्ट ने पाया कि याचिका 10 निजी नर्सिंग होम चलाने वाले डॉक्टरों की ओर से दायर की गई थी, न कि पूरे आईएएम की ओर से।
कोर्ट में यह कहा गया कि टेंडर 18 जुलाई 2019 को जारी हुआ था और 25 नवंबर 2019 को काम आवंटित किया गया था, लेकिन पर्यावरण मंजूरी में देरी के कारण काम शुरू नहीं हो सका। कोर्ट ने संबंधित प्राधिकरण को निर्देश दिया कि पर्यावरण मंजूरी के आवेदन पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए ताकि काम शुरू हो सके।