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पंजाब के लुधियाना के रहने वाले 83 वर्षीय हरदयाल सिंह के घर के बाहर लगा नेम प्लेट उनकी डिग्रियों से भरा हुआ है।
आर्मी से रिटायर्ड हरदयाल सिंह के पास 16 पोस्ट ग्रेजुएट डिग्रियां है। अगर एमफिल और डिप्लोमा सर्टिफिकेट को मिला दें तो उनके पास करीब 40 डिग्रियां होंगी।
आर्मी से रिटायर्ड हरदयाल सिंह लगभग 63 सालों से पढ़ाई कर रहे हैं। वह पोस्टिंग पर जब अलग-अलग शहरों में जाते थे, तो अपनी जिज्ञासा और पढ़ने के शौक के चलते वहाँ अलग-अलग कॉरेस्पोंडेंस या फुल-टाइम कोर्स किया करते थे।
10 जून, 1942 में जन्मे हरदयाल पेशे से एक सिविल इंजीनियर हैं। 1957 में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से मैट्रिक पूरा किया। 2002 में वह आर्मी से रिटायर हुए।
वह बताते हैं, "मैं एक गरीब परिवार से आता हूँ। शुरुआत में सिर्फ़ इसलिए पढ़ना चाहता था कि नौकरी करके अपनी परिवार को संभाल सकूँ। मुझे नौकरी मिली, और मेरे कमाने की वजह से मेरे भाई-बहन की शिक्षा पूरी हो सकी। मेरे माता-पिता को भी मदद मिली। नए विषयों पर जानकारी पाने की इच्छा मुझे पढ़ने के लिए प्रेरित करती है।"
हरदयाल ने कई ऐसे विषयों में डिग्री हासिल की है, जो ज़्यादा लोग नहीं करते। ऐसी कई परीक्षाएं उन्होंने अकेले दी हैं। उनकी पत्नी और परिवार ने इस सफ़र में उनका पूरा साथ दिया।
उनके पढ़ाई के शौक के चलते उनके तीन बेटे और एक बेटी को भी घर में पढ़ने का बहुत अच्छा माहौल मिला। वह पिता से प्रेरणा लेकर आगे बढ़े और आज अपनी ज़िंदगियों में सफल हैं।
आज भी हरदयाल ज़्यादातर किताबें पढ़ते नज़र आते हैं। उनका परिवार उनका नाम Guinness World Records में दर्ज कराना चाहते हैं।
(The Better India - Hindi)