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मराठा समाज को ओबीसी में शामिल करने वाले सरकारी फैसले के बाद महाराष्ट्र में ओबीसी समुदाय में नाराज़गी के संकेत मिल रहे हैं.
लेकिन ओबीसी तबके से आने वाले महाराष्ट्र के नेता और मंत्री छगन भुजबल ने फ़िलहाल अपने कार्यकर्ताओं से विरोध प्रदर्शन रोकने की मांग की है.
उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "सरकार के इस फैसले के बाद ओबीसी समुदाय के लोगों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के मन में ये भावना आई है कि ओबीसी के साथ अन्याय हो रहा है. कुछ लोग इसके विरोध में सड़क पर उतरे हैं. भूख हड़ताल पर बैठे हैं."
"मैं उन सभी से कहना चाहता हूं कि सरकार के फैसले पर वकीलों के साथ चर्चा हो रही है. अगर इसमें कुछ गलत निकलता है तो आगे जो भी रास्ता अपनाना है उस पर उनसे जरूर चर्चा की जाएगी."
उन्होंने कहा, "फिलहाल प्रदर्शनकारी अपने जिलाधिकारी या तहसील में इस संदर्भ में एक लिखित पत्र दें कि ओबीसी के साथ कोई अन्याय न हो. मैं सभी प्रदर्शनकारियों निवेदन करता हूं कि तुरंत भूख हड़ताल और प्रदर्शन को खत्म कर दें."
उनका बयान ऐसे समय में आया है जब आज ही महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद ने कहा था कि मराठा समाज को ओबीसी का दर्जा देने के मामले पर वो छगन भुजबल से बात करेंगे.
मामले को समझने के बाद उन्हें भरोसा है कि भुजबल जी की नाराज़गी दूर हो जाएगी.
दरअसल मराठों को आरक्षण देने की मांग के बाद ओबीसी समुदाय को लग रहा है ये उनके हिस्से के आरक्षण से ही दिया जाएगा. (bbc.com/hindi)