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महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा है कि हैदराबाद गजेटियर पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि मराठा समुदाय को कुनबी सर्टिफिकेट देने से ओबीसी आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ेगा
उन्होंने कहा, '' कल जो सरकारी संकल्प जारी हुआ है उससे ओबीसी समुदाय के आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ेगा.''
शिंदे ने कहा, "जिसके पास भी 1967 से पहले बना कुनबी होने का प्रमाणपत्र या कागजात है, उसे दिखाकर वो सरकार से ओबीसी सर्टिफिकेट की मांग कर सकते हैं."
उन्होंने कहा,“मुख्यमंत्री के साथ जाकर हम छगन भुजबल को समझाएंगे कि कल जारी हुए सरकारी संकल्प से ओबीसी समुदाय को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा. ये समझने के बाद मुझे पूरा भरोसा है कि भुजबल जी की नाराजगी दूर हो जाएगी.”
दरअसल मराठों को आरक्षण देने की मांग के बाद ओबीसी समुदाय को लग रहा है ये उनके हिस्से के आरक्षण से ही दिया जाएगा. ओबीसी समुदाय के नेता छगन भुजबल मराठों की मांग मानने से नाराज बताए जा रहे हैं.
कुनबी को ओबीसी का दर्जा दिए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर मनोज जरांगे पाटिल आज़ाद मैदान में पांच दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे. लेकिन मंगलवार को सरकार ने उनकी मांगें मान ली. इसके बाद उन्होंने पांचवें दिन अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी.
हैदराबाद गज़ट के आधार पर अब मराठवाड़ा के मराठा समुदाय अपने कुनबी दर्जे को साबित कर सकते हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का लाभ ले सकते हैं. कुनबी एक कृषक जाति है, जो महाराष्ट्र की ओबीसी सूची में शामिल है. (bbc.com/hindi)