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रायपुर, 3 सितंबर। भिलाई इस्पात संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शॉप-2 (एसएमएस-2) ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए पहली बार एसएई-1006 ग्रेड के स्टील स्लैब का निर्यात ऑर्डर सफलतापूर्वक पूरा किया है। इंडोनेशिया के लिए कुल 30,000 टन उच्च गुणवत्ता वाले स्लैब का उत्पादन कर निर्यात किया गया। यह न केवल संयंत्र की तकनीकी दक्षता का प्रमाण है बल्कि वैश्विक बाजार में भिलाई की बढ़ती साख और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को भी दर्शाता है।
इस ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत 14 अगस्त, 2025 को हुई थी, जब 1,200 टन स्लैब का पहला प्रेषण रवाना किया गया। उत्पादन से लेकर लॉजिस्टिक्स तक के इस चुनौतीपूर्ण कार्य को एसएमएस-2 की टीम ने अटूट संकल्प, लगातार नवाचार और शानदार टीमवर्क के साथ पूरा किया। एसएई-1006 ग्रेड के स्लैब का उत्पादन संयंत्र के लिए पहली बार था, जिसे तकनीकी दृष्टि से जटिल और चुनौतीपूर्ण माना जाता है। लेकिन एसएमएस-2 की टीम ने इस चुनौती को अवसर में बदलते हुए संयंत्र की क्षमताओं को एक नए आयाम पर पहुंचा दिया।
मुख्य महाप्रबंधक (एसएमएस-2) एस.के. घोषाल के नेतृत्व में पूरी टीम ने प्रारंभिक कठिनाइयों को दूर कर उत्पादन प्रक्रिया को सुदृढ़ और कारगर बनाया। विभिन्न विभागों के बीच समन्वय, तकनीकी सुधार और सतत प्रयासों के बल पर पूरी उत्पादन श्रृंखला को इस तरह संचालित किया गया कि न केवल लक्ष्य हासिल हुआ, बल्कि समयबद्ध और सटीक निष्पादन भी सुनिश्चित हुआ।
इस निर्यात ऑर्डर की सफलता में अनेक विभागों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। आरसीएल, पीपीसी, ब्लास्ट फर्नेस, आरडीसीआईएस, इंस्ट्रूमेंटेशन और एसबीएस यार्ड की टीमों ने उत्पादन से लेकर प्रेषण तक निर्बाध लॉजिस्टिक्स और समन्वय सुनिश्चित किया। इससे प्रत्येक चरण सुचारु रूप से संपन्न हुआ और किसी भी प्रकार की देरी नहीं हुई।
विशेष रूप से इस अभियान में महाप्रबंधक प्रभारी (सीसीएस एवं एसबीएस) एस. देबसिकदर, महाप्रबंधक (आरसीएल) के.वी. शंकर, महाप्रबंधक (प्रचालन, एसआरयू) बालम सिंह, महाप्रबंधक (यांत्रिकी, सीसीएस) निकुंज सिंघल, महाप्रबंधक (प्रचालन, सीएस) जी. रविकांत, महाप्रबंधक (प्रचालन, सीएस) महेन्द्र सिंह, उप महाप्रबंधक (प्रचालन, सीएस) नितिन अग्रिहोत्री, उप महाप्रबंधक (प्रचालन, सीएस) वाई.के. साहू, उप महाप्रबंधक (प्रचालन, एसआरयू) घनश्याम शर्मा, सहायक महाप्रबंधक (प्रचालन, सीसीएस) अरिंदम कर, सहायक महाप्रबंधक (प्रचालन, सीसीएस) मयंक शर्मा, सहायक महाप्रबंधक (प्रचालन, सीसीएस) विनय जैन तथा वरिष्ठ प्रबंधक (आरसीएल) राहुल गुप्ता का उल्लेखनीय योगदान रहा।
इस उपलब्धि ने न केवल भिलाई इस्पात संयंत्र की तकनीकी और प्रचालन क्षमता को प्रमाणित किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि भारतीय इस्पात उद्योग अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी मजबूत जगह बनाने में सक्षम है। इंडोनेशिया को भेजा गया यह उच्च-मूल्य का निर्यात ऑर्डर आने वाले समय में भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए नए निर्यात अवसरों और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के द्वार खोल सकता है।