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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 2 सितंबर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रेलवे ठेकेदार और उद्योगपति सुशील झाझरिया की उस रिट याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की थी। फिलहाल झाझरिया न्यायिक हिरासत में हैं।
सीबीआई ने 25 अप्रैल 2025 को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7, 8, 9, 10 और 12 तथा भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) के तहत एफआईआर दर्ज की थी। गिरफ्तारी के बाद से वे जेल में हैं।
झाझरिया ने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर कर सीबीआई की कार्रवाई को अवैध बताया था। उनका कहना था कि टेलीफोन कॉल इंटरसेप्शन में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया गया, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17-ए के तहत आवश्यक पूर्व स्वीकृति नहीं ली गई और सीबीआई ने अपने क्राइम मैनुअल 2020 का भी उल्लंघन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि एफआईआर में रिश्वत मांगने का उल्लेख तक नहीं है, जिससे अपराध का इरादा साबित नहीं होता। साथ ही गिरफ्तारी के समय स्पष्ट आरोप नहीं बताए गए और केस डायरी व दस्तावेज छिपाए गए, जिससे निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार प्रभावित हुआ।
सीबीआई की ओर से अधिवक्ता टी. गोपा कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखते हुए कहा कि विस्तृत जांच के बाद एफआईआर दर्ज हुई और अब चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। ट्रायल कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना है।
सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति श्री. डी. गुरु की खंडपीठ ने कहा कि जब चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और मामला ट्रायल कोर्ट में लंबित है, तो हाईकोर्ट सीधे एफआईआर रद्द नहीं कर सकता। अदालत ने झाझरिया को यह स्वतंत्रता दी कि वे चार्जशीट और संज्ञान आदेश के खिलाफ उचित कानूनी मंच पर चुनौती दे सकते हैं। इसी आधार पर अदालत ने याचिका को वापस लेने की अनुमति देते हुए खारिज कर दिया।
मालूम हो कि बिलासपुर रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन के तहत विश्वस्तरीय बनाने की योजना है। इसमें 395 करोड़ से अधिक की लागत से रि-डेवलपमेंट का काम जारी है। यह ठेका झाझरिया निर्माण लिमिटेड को मिला है। ठेकेदार सुनील झांझरिया ही इस कंपनी के प्रमुख हैं। यह कंपनी रेलवे जोन में सबसे बड़ी मानी जाती है, जो रेलवे लाइन बिछाने, ब्रिज निर्माण और अन्य संरचनात्मक कामों में सक्रिय है।
सीबीआई ने 32 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में रेलवे चीफ इंजीनियर को पकड़ा था। उसके बाद निर्माण एजेंसी के डायरेक्टर सुशील झाझरिया को 25 अप्रेल को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि, झाझरिया कंपनी और चीफ इंजीनियर विशाल आनंद के बीच कॉन्ट्रैक्ट को लेकर ये डील हुई थी।