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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ़ग़ानिस्तान में भूकंप से गई जानों पर शोक जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "अफ़ग़ानिस्तान में भूकंप से गई जानों से बेहद दुखी हूं."
उन्होंने लिखा, "इस दुख की घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. हम घायल लोगों के जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं. भारत प्रभावित लोगों को हर मानवीय मदद और राहत पहुंचाने के लिए तैयार है."
भारत ने भूकंप प्रभावित अफ़ग़ानिस्तान को राहत सामग्री पहुंचाना शुरू भी कर दिया है.
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से आज बात हुई. भूकंप में गई जानों पर हमें दुख है.”
उन्होंने बताया कि भारत ने काबुल में 1000 फैमिली टेंट भेजे हैं. भारत की तरफ से 15 टन खाद्यान्न कुनार भेजा जा रहा है. भारत मंगलवार को और राहत सामग्री अफ़ग़ानिस्तान भेजेगा.
जयशंकर ने लिखा, “हम घायल लोगों के जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं. इस मुश्किल समय में भारत अफ़ग़ानिस्तान के साथ खड़ा है.”
अफ़ग़ानिस्तान के पूर्वी हिस्से में 6.0 की तीव्रता के भूकंप में अब तक 800 से अधिक लोगों के मारे जाने की ख़बर है. 2,000 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं.
भूकंप के झटके राजधानी काबुल और पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी महसूस किए गए हैं. सबसे ज़्यादा नुकसान पहाड़ी इलाकों में हुआ है.
नूरगल और कुनार में पूरे के पूरे गाँव तबाह हो गए. भूकंप प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी है.
तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए एक विशेष समिति गठित की गई है.
मुजाहिद ने बताया कि पीड़ितों को निकालने और प्रभावित लोगों तक भोजन और अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाने के लिए कदम उठाए गए हैं. (bbc.com/hindi)